Breaking News

2 दिसम्बर वाली सौम्या चौरसिया

कहा जाता है कुछ तारीखें ऐसी होती है जो यादगार होती है।ऐसी ही दिसम्बर की एक तारीख है जो पिछले दो सालों में दो बार आकर जा चुकी है।संयोग ये भी है कि ये तारीख भी दो ही तारीख है। दो साल पहले इसी तारीख याने दो तारीख को छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक हल्के में तूफान उठा था। मुख्यमंत्री कार्यालय की “मेरी”उपसचिव कही जाने वाली हेवीवेट सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद राज्य सेवा की उप जिलाधीश स्तर के अधिकारी की केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा पहली गिरफ्तारी थी। ये महिला अधिकारी थी,जिनकी महत्वाकांक्षा की हद अपरंपार थी।

पैसा , पैसा करना और पैसे पर मरना, इसका धर्म बन गया था। सोते उठते,चलते बैठते एक ही बात, पैसा कहां से आएगा। सर पर राजनैतिक आकाओं के संरक्षण ने इस पावरफुल भारी भरकम महिला का संतुलन इतना बिगाड़ दिया था कि अपने से उच्च आई ए एस और आई पी एस अफसरों को नाम से बुलाने का दुस्साहस करने लगी थी। प्रधानमंत्री के वीडियो कांफ्रेंस में अनुशासनहीनता दिखाते हुए पानी पीने जैसे काम इसके चरित्र को दर्शा रहे थे।

सरकार का निजीकरण कर भ्रष्टाचार की हदें पार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक सूर्यकान्त पाल ली थी।भाड़े का टट्टू , एक प्रशासनिक दलाल मिल गया था अनिल टुटेजा, एक दुमछल्ला था टामन सिंह सोनवानी और भी थे मददगार समीर विश्नोई, अमरपति त्रिपाठी,मनोज सोनी,राजीव कुमार जायसवाल, सब ने खूब अवैध काम करवाए। घोटाला दर घोटाला करवाए।यदि विष्णु देव साय की सरकार हर विभाग का पोस्ट मार्टम करे तो नहीं नहीं में दो दर्जन आई ए एस और आई पी एस अधिकारी जेल के भीतर दिखेंगे।

सौम्या चौरसिया केंद्र और राज्य की जितनी भी जांच एजेंसियां है के निशाने पर है। क्या ईडी,आयकर, सीबीआई, और राज्य की ए सी बी या आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग।इन एजेंसियों में दर्ज एफ आई आर की संख्या भी इतनी है कि जमानत पाते पाते सौम्या चौरसिया को पांच साल लग जाएंगे।
सौम्या चौरसिया, जब पहली बार दो दिसंबर 2022को जेल गई थी तब सरकार कांग्रेस की थी। डबल बेड का डनलप का गद्दा, मखमली बेड शीट, एयर कंडीशन, फ्रीज, लैपटॉप, घर का भोजन, सर्व सुविधा युक्त घर से बाहर घर था।मुंह अंधेरे में घर घूम आने की सुविधा थी। एक साल फाइलें भी जाती रही,अवलोकन के लिए।

एक साल बाद पलट कर दुबारा आने वाली कांग्रेस पार्टी को जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। रातों रात सुविधाएं हटाई गई।इटेलियन कमोड तोड़ा गया। हाथ में थाली पकड़ कर खाने की लाइन में लगा दी गई।प्रार्थना सभा में मन की शक्ति देने का काम दिया गया।रविवार को प्रोटीन के नाम पर गुड चना मिलने लगा। ये दिनचर्या भी एक साल का वर्षगांठ मना चुकी है। वजन और बीमारी जेल की सौगात होती है। पहले से वजनी महिला ने आंख मूंद कर पैसे। की अंधी दौड़ में अपना आई ए एस का केरियर चूरा कर चुकी है।आरोप से अपराध के सफर के अंत में बर्खास्तगी का निर्णय होगा।बिना पेंशन के अवैध कमाई के जरिए जीवन बीतना है। जेल में दो साल पूरे होने पर “मेरी”कहने वाले कहां है,कहते है कोई जिंदा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *