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कांग्रेस के शासन काल में पत्रकार डराए गए थे, दुर्भावना से कार्य करने वाले अफसरों को दण्डित करे सरकार

15 साल सत्ता से बाहर रहने के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस महज 5 साल में ही सत्ता से बाहर हो गई। मंथन का दौर चालू है लेकिन प्रेस सेंसरशिप के लिए सारे रास्ते अपनाए गए। कहते है की पेड़ का सबसे बड़ा दुश्मन कुल्हाड़ी में लगी लकड़ी होती है। दुख इस बात का भी रहा कि ये कार्य उन लोगो ने ही किया जो प्रेस की रोटी खा कर राजनीति में घुसे थे। मेरी व्यथा कहने का आज दिन है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस अफसरों को चेतावनी दी है कि पत्रकार से सूत्र पूछने का अधिकार नहीं है। ऐसी चेतावनी अनेकों बार दी गई है लेकिन वर्दी के भीतर छुपे व्यक्ति की राजनैतिक चाटुकारिता और सत्तासीन कांग्रेसी नेताओं के तलुए चाटने की आतुरता ने उनके बीते पांच साल हुजूर की जी हुजूरी में ही खप गए। 3 दिसंबर 2023 के पहले तक बेफिक्र थे कि सरकार फिर वापस आ रही है।

चाटुकार कांस्टेबल से लेकर उप पुलिस महानिरीक्षक तक पद के पुलिस अधिकारियों ने पिछले शासन में अपने पद की गरिमा को खो दिया है। अनेक अधिकारी तो सत्ता पक्ष के अधिकृत दलाल बन कर वसूली और भय का वातावरण बनाने के लिए समर्पित हो चले थे। छत्तीसगढ़ का बच्चा बच्चा जानता है कि कितने ऐसे अधिकारी है जी सरकारी सेवा के समय संविधान के प्रति लिए शपथ की धज्जी उड़ा रहे थे। कई पुलिस अधिकारी तो पूर्व मंत्रियो के साथ ऐसे पेश आ रहे थे मानो सरकार ने इन्ही को गुंडागर्दी का लाइसेंस दे दिया है। पूरे प्रदेश में क्या उद्योगपति, व्यापारी, क्या ट्रक मालिक ड्राइवर सभी को लूट रहे थे।

परिवहन विभाग में एक मंत्री के सहजतीय प्रतिनियुक्ति और संविदा का मजा लेते हुए फिटनेस के नाम पर करोड़ों वसूल लिए। एक पुलिस अधिकारी कबाडियो का सरगना बना हुआ था। मेरे विरुद्ध क्या हुआ? मैं ब्राह्मण परिवार का हूं।सब कुछ कर सकता हूं लेकिन जिस्म के बिक्री का काम नहीं कर सकता। मेरे विरुद्ध ऐसा घृणित केस बनाया गया। मेरे विरुद्ध एफ आई आर लिखा गया जिसमे केवल बेबुनियाद लिख कर दबाव पूर्वक हस्ताक्षर कराए गए। मुझसे पूछे बगैर मेरे मोबाइल में उपलब्ध नंबर के लोगो को बुला कर प्रताड़ित किया गया।

पिछले सरकार में केवल पक्ष में लिखने और पूछने का काम बच गया था। आज परिणाम सामने है। जनता सब देखती है। मैं अगर मुद्दा उठा रहा था तो मुद्दों की जांच होनी चाहिए थी लेकिन मेरी जांच कर लिए। आखिर मेरी बातो में सच्चाई ही थी तभी दो दर्जन से ज्यादा लोग साल भर से ज्यादा समय से जेल में है। सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत नहीं मिल रही है। मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से निवेदन करता हूं कि कांग्रेस शासन में हुए सारे घोटालों की सीबीआई से जांच करवाए। भले ही दुर्भावना से अधिकारियो के विरुद्ध कार्यवाही न हो लेकिन जिन अधिकारियों ने दुर्भावना से कार्य किया है उन्हे दंडित जरूर किया जाए

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