चरम पर पहुँच चुका भ्रष्टाचार मानवता के लिए बहुत बड़ा खतरा भी है। अपराध बेकाबू हैं,हम पूरी तरह से असुरक्षित हैं, सुरक्षित होंगे भी कैसे! जब सुरक्षा देने के जिम्मेदार ही अपराधी हैं, तो आगे क्या कहना। भ्रष्टाचारी अपने स्वार्थ पूरे करने के लिए मानवता का हनन करते हैं। नेतागीरी शुरू होते ही अनेकों साइड बिजनेस शुरू हो जाते हैं जिनमें ठेकेदारी, खनन, ट्रांसपोर्ट, केबल टी वी से लेकर दलाली वसूली तक शामिल हैं, इनका लक्ष्य केवल एक होता है वैध अवैध तरीके से धन कमाना और नैतिकता तथा कानून को ठेंगे पर रखकर लूटना। बेलगाम सरकारी विभागों में दलाली और रिश्वतखोरी से जनता की गाढ़ी कमाई धुंवे की तरह उडाई जा रही है।
चलिए हम आपको बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में कैसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से भ्रष्ट्राचार संरक्षक ब्यूरों बन गए। यहां पर उपर बैठे अधिकारी ने सत्ता के मुखिया के लिए अवैध वसूली का धंधा शुरू कर दिया। उन्होंने अपने कुछ चुने हुए कारिदों के माध्यम से यह खेल शुरू किया। एसीबी से हटने के बाद शेख सहाब ने पीछे से इसे चलाया। टूटेजा के शह पर वह सत्ताधीशों का काम करते रहें। उनके 6 कारिदें उनके इशारों पर अवैा वसूली के मामले में जूटे रहे।
इन सभी की अलग-अलग विशेषता के चलते उन्हें आरीफ ने गले लगा कर रखा था। एक को झूठे साक्ष्य गढ़ने की मास्टरी थी। उनका सपना था कि अपने काे अमृत पान करना है ऐसे लोगों को भी रखा गया। वहीं बिलासपुर और सरगुजा संभाग से वसूली करने अलग-अलग दो लोग थे। इन लोगों ने किसी भी मामले की खात्मा से लेकर सरकारी अफसरों को अपराध का भय दिखाकर दोहन किया। फर्जी अपराध और फर्जी साक्ष्य के माध्यम से कई लोगों को फंसाया।