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छत्तीसगढ़ के रेहर भूमिगत खदान कोयला घोटाला, संदेह के घेरे में तत्कालीन खान प्रबंधक, 0 कोयला स्टॉक की फाइलें खंगाल रही सीबीआई

रायपुर। सूरजपुर के एसईसीएल बिश्रामपुर के रेहर खदान से सैकड़ों टन कोयले की अफरा-तफरी का मामला था। मामले में बिलासपुर कंपनी का विजिलेंस विभाग इसमें कुछ नहीं कर पाया तो सीबीआई की कार्रवाई से लोगों की उम्मीद जगी। जून-जुलाई 2022 के बीच 2700 टन कोयल की अफरा-तफरी का मामला रेहर भूमिगत खदान से सामने आया था जिसमें तत्कालिक खान प्रबंधक फिरोज अहमद अंसारी की मुख्य भूमिका बताई जा रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसईसीएल कंपनी मुख्यालय के विजिलेंस विभाग को जांच के लिए सौंपा गया था. विजिलेंस विभाग ने अपने स्तर से जांच कर कोयला के अफरा तफरी किए जाने का अपने रिपोर्ट में सही पाया, परंतु इसमें किसी के खिलाफ कार्रवाई न कर मामले को ठंडा बस्ता में डालने का प्रयास किया गया।

मामले को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं केंद्रीय जांच ब्यूरो एजेंसी सीबीआई को सौंप कर जांच की मांग करते हुए दोषी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। शिकायत पर पिछले 6 जनवरी को सीबीआई के 8 सदस्य दल, बिलासपुर मुख्यालय के विजिलेंस विभाग के अनिल जैन के साथ संबंधित खदान क्षेत्र के कोयला स्टॉक डिपो एरिया की जांच पड़ताल की। सीबीआई दल के सदस्यों ने कोयला स्टॉक का अधिकारियों से फाइल प्रस्तुत करने की मांग की, जिस पर सबंधित अधिकारी कर्मचारियों ने फाइल सीबीआई को सौंप दी। अब सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में लेने से लोगों को अब उम्मीद जग रही है कि भ्रष्ट्र अधिकारी कर्मचारी अब इस मामले में सीबीआई से नहीं बचेंगे। बहरहाल सीबीआई की टीम स्थानीय गेस्ट हाउस में फाइलों की जांच करने में जुटी हुई है।

दोषियों का तबादला, सीबीआई बोली यह कार्रवाई नही
सूत्र बताते हैं कि सीबीआई के सदस्यों ने विजिलेंस विभाग के अनिल जैन से पूछा कि विजिलेंस विभाग ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। जिस पर अनिल जैन ने बताया कि दोषी अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने कहा स्थानांतरण कोई कार्रवाई की श्रेणी में नहीं आती है। खान प्रबंधक फिरोज अहमद अंसारी को मामले में जोहीला क्षेत्र तथा सहायक प्रबंधक सर्व सुनील कुमार गुप्ता के साथ तात्कालिक सब एरिया का तबादला कर दिया गया। सह क्षेत्र प्रबंधक के स्थान पर कार्यकारी सब एरिया अनिरुद्ध सिंह को बनाया गया था तब से यह पूरा मामला का फाइल धूल चाट रही थी।

2700 टन कोयले की कमी
गौरतलब है कि खदान से लगभग 2700 टन कोयले की कमी पायी गई थी। तत्कालिक खान प्रबंधक फिरोज अहमद अंसारी को सीधा दोषी ठहराते हुए शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत में उल्लेख किया था कि खान प्रबंधक फिरोज अहमद अंसारी 2700 टन कोयले का घपला किया है तथा उसे भरपाई करने के उद्देश्य से कोयला स्टॉक में मिट्टी, खदान से निकले हुए पत्थर कोयला सहित उत्पादित कोयला अधिक कोयला को स्टॉक में सम्माहित कर सही बताना जैसे संदिग्ध कार्य किया गया है। मामले को विजलेंस ने जांच की।

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