छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग में आम लोगों के स्वास्थ्य का कम नौकरशाह अपना ज्यादा ख्याल रख रहे हैं। हमारा ऐसा कहने के पीछे आशय यह है कि यहां पर वर्षाें से एक ही सीट पर जमे लोगों ने जमकर चांदी काटी है। यहां पर मदन के विश्वकर्मा जैसे लोगों की तासिर तो देखते ही बनती है। यहां पर दवा खरीदी के लिए बनाई गई निगम से लेकर अन्य शाखा के लोगों ने अच्छी पैठ बनाई है। जिला अस्पतालों की दवा खरीदी के लिए दवा निगम उनके प्रस्ताव को तब तक स्वीकृत नहीं मिलती जब तक वहां से हरी झंडी नहीं मिलती। यहां पर बजट शाखा के सहायक अधीक्षक से लेकर अन्य अफसरों के दसों उंगली घी में डूबे हैं। जिला अस्पताल से लेकर प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में इस शाखा के अनुमोदन के बाद दवा खरीदी करने तीन माह में बजट जारी होता है, लेकिन वेरिफिकेशन के नाम पर यह बढ़कर छह माह तक हो जाता है।
मरीजों को मिलने वाली मुफ्त दवा तो मिलती ही नही। डाक्टर पर्ची थमा कर उन्हें दुकाने से खरीदने पर मजबूर करते हैं। ऐसे में दवा निगम उसी दवाओं की आपूर्ति करता है जो उनके पास हैं। नया तब तक नहीं लेते जब तक त्राहीमाम न हो जाए। यहां पर चांदी काटने वालों की पौ बारह है। मदन जैसे मार्ग दर्शन करने वाले अफसर के बारे में सुना तो लगा की स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग में कैसे कमाई होती है। जनाब छत्तीसगढ़ में बड़े कोठी के आसामी तो हैं ही गोवा में आलीशन होटल के मालिक भी हैं। पूरे देश के पर्यटकों की पसंद की इस जगह पर आलीशान होटल का होना यह बताता है कि करोड़ों नही अरबो में खेलता होगा।
यहां के वीआईपी रोड पर भी इन्होंने एक होटल में निवेश कर अपनी दिलेरी दिखाई है। अब लोग यह पता करने लगे हैं कि यहां पर एक पूर्व इमानदार मंत्री के विभाग में इतना बड़ा लोचा कैसे हो गया। क्या यहां पर भी तीन डॉक्टर विधायकों को दवा निगम में बिठा कर यहां भह करोड़ों का वारा न्यारा तो नहीं किया गया। अब कहानी क्या है यह तो मदन गोपाल की चौकड़ी ही बताएगी। श्याम बिहारी को अब मदन के साथ चलना है या नहीं यह तो बाद में पता चलेगा। नए लोगों को यह समझना होगा कि यह मदन के विश्वकर्मा आखिर इतना आगे कैसे हो गया। सात समुंदर पार जाेर अपनी अकूत अट्टालिका बना लिया। स्वास्थ्य अमले को इसकी खोज करनी चाहिए कहीं नई दवा का इजाद हो जाए।
बिना अनुमति विदेश यात्रा
मदन के कारनामें यही खत्म नहीं होते उन्होंने बिना अनुमति विदेश यात्रा भी की। सरकार से बिना अनुमति नेपाल से लेकर दुबई तक की यात्रा भी पिछले दिनों की है। समुंदर में होटल बनावाने वाले के पास अकूत संपत्ति हो तो देया के बाहर भी तफरी करने से कैसे चूक सकते हैं, तो उन्होंने इसका बखूबी इस्तेमाल किया। इंडिगो एयरलाईंस से नेपाल और दुबई में भी अपना परचम लहरा आए हैं।