छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा पहले राज्य पीएससी परीक्षा में धांधली का चरमोत्कर्ष देखने को मिला था। देश में छत्तीसगढ़ को टापू समझने वाले इस बात से बेफिक्र थे कि कोई उनका बाल भी बांका कर सकता है।सत्ता में फिर से लौटने का अहंकार इतना बढ़ गया था कि खुले आम पीएससी के पदों की बोली के आंकड़े पान ठेलो चाय की दुकान में उपलब्ध थे। नेता, अधिकारी, व्यापारियों का झुंड अपने रिश्तेदारों के लिए सीट खरीद रहे थे और मेहनतकश ईमानदार पढ़ाकू बच्चो के लिए सरकार बेरोजगारी भत्ता की दुकान खोल उनका भविष्य बेच रही थी।
दरअसल टोमन सिंह मुख्यमंत्री कार्यालय की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया और अनिल टुटेजा के द्वारा बैठाया गया प्यादा था जिसने बड़े पद की नीलामी कर राशि ऊपर तक पहुंचाने की दलाली तो की ही सरकारी भृत्य जिन्हे सम्मानजनक ढंग से अंग्रेजी में पियून कहते है उसे भी 6-6 लाख रुपए में बेचने की मंडी लगाई। पूरे देश के किसी राज्य में भृत्य पद के लिए डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी सुप्रिंडेंट ऑफ पुलिस को भर्ती करने वाली प्रतिष्ठित संस्था लोक सेवा आयोग का स्तर गिराया गया। उद्देश्य साफ था ऐन केन पैसा वसूलो। टोमन सिंह टकसाल में बैठ कर अपने कार्यकाल में हर पीएससी की आयोजित परीक्षा में पद बैचा। पशु चिकित्सक की भर्ती में प्रश्न पत्र 30लाख रुपए में बेचने की बात बिलासपुर में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सक बता रहा है।
आश्चर्य की बात तो ये भी है कि एक चैनल ने जब भूपेश बघेल से पीएससी घोटाले के बारे में पूछा तो खुद को अंजान बताने का स्वांग रचते लगे। दरअसल लोक सेवा आयोग अपनी गरिमा खो चुकी थी। डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बनने के लिए छत्तीसगढ़ का छात्र पैसे इकट्ठा करने के लिए उस खेत को बेचने की जुगत लगा रहा था जिसमे उपजे धान की सरकार 2500 रूपये क्विंटल में खरीद रही थी।अब टोमन सिंह के बिकने के दिन आ रहे है। अभी उनके संगी सचिव ध्रुव बने है एक महिला परीक्षा नियंत्रक का नाम भी बाजार में है कि वे पैसा नियंत्रक हो गई थी।
जिन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ की गई उनके परिवारों ने अपने अपने विधान सभा में कांग्रेस को वोट नही दिया जिसका परिणाम है कि सत्ता में वापसी का अहंकार पालने वालो को अब एक के बाद एक घोटाले में जेल जाने का काम पूरा करना है। पीएससी घोटाले को सीबीआई में देने की प्रारंभिक तैयारी के रूप में आर्थिक अपराध ब्यूरो में एफ आई आर हो गई है।कल से सोनवानी और ध्रुव अंडर ग्राउंड हो जायेंगे। सम्मन का दौर चलेगा,फरार होंगे, किसी एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन में पकड़ाएंगे। खुद को पीड़ित आदिवासी (अमरजीत भगत) के समान बताएंगे पर जान ले ये भाजपा की सरकार है जमीन से खोद कर बाहर लायेगी।