रायपुर। विधानसभा में पैरादान और पैरा के परिवहन के मामले में कागजों पर 53 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने का आराेप भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने लगाया। उन्होंने कहा, 14वें और 15वें वित्त की राशि को परिवहन के नाम पर दुरुपयोग किया गया। वहीं पैरा परिवहन के लिए सेस से भी राशि दिए जाने की जांच कराने की मांग रखी। जवाब में संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मामले में हुए खर्च की जांच विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति के माध्यम से कराने की घोषणा की। मंत्री ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कोंडागांव में की गई गोबर खरीदी को लेकर भी जांच की घोषणा इसी समिति के हवाले करने की घोषणा की है।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने गाेधन न्याय योजना के तहत पैरादान और पैरा परिवहन किए जाने का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि गोधन न्याय योजना के तहत पैरा परिवहन किया जा सकता है क्या? अपने जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, गोधन न्याय योजना से अनुदान दिया जाता है, इसके लिए 14वें-15वें वित्त से भी पैरा परिवहन के लिए राशि दी जाती है। अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि पैरा ढुलाई के लिए सेस से भी राशि दी गई है, इसकी जांच करवाएंगे क्या? जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, पूर्व मंत्री इसमें भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं, इसलिए इस मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराएंगे। अजय चंद्राकर ने कहा, 53 करोड़ रुपये कागज पर खर्च हुए हैं, जबकि पैरादान हुआ ही नहीं है। विधानसभा की समिति से मामले की जांच होनी चाहिए। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से जांच कराने की घोषणा की।
जितने मवेशी नहीं उससे अधिक गोबर खरीदी में भुगतान
कोंडागांव विधायक लता उसेंडी ने एक अन्य सवाल में गोबर खरीदी के भुगतान में गड़बड़ी का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा, जिसके पास मवेशी कम हैं, उन्हें ज्यादा भुगतान किया गया है, तो कहीं गोबर कम खरीदा गया और भुगतान ज्यादा किया गया है। इसमें गड़बड़ी हुई है। जांच कराएंगे क्या? उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के पास 10 मवेशी हैं, 52 हजार किलो गोबर खरीदी कर 5 लाख 44 हजार को भुगतान किया गया। जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, 1 करोड़ 93 लाख को भुगतान कोंडागांव जिले में किया गया।
स्पीकर ने कहा- चारा कम खाए हैं, गोबर ज्यादा कैसे दिए?
सदस्य के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, चारा कम खाए हैं, गोबर ज्यादा कैसे दिए? किस नस्ल की गाय और भैंस है, इसकी जांच करानी होगी। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, प्रश्न संदर्भ समिति इसकी भी जांच करेगी। इसे विधानसभा अध्यक्ष ने सहमति दे दी।