बक्सर. लोकसभा चुनाव में बिहार का बक्सर सबसे हॉट सीटों में से एक बनने वाली है, वजह है यहां से सीटिंग सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का टिकट कटना और उनका टिकट काटकर मिथिलेश तिवारी को बक्सर संसदीय क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित किया जाना. इन सब के बीच आईपीएस सेवा से रिजाइन कर बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना रहे आनंद मिश्रा को भी बड़ा झटका लगा है.
दरअसल आनंद मिश्रा जो कि इन दिनों यूथ आईकन भी कहे जाते हैं ने बक्सर से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. आनंद को पूरा भरोसा था कि उनको बीजेपी से टिकट मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. होली मिलन समारोह के दौरान आनंद मिश्रा ने कहा कि, मेरी तो इच्छा थी कि मैं बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ूं और नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा कर सकूं, लेकिन भाजपा की तरफ से टिकट नहीं मिल सका.
ये पूछे जाने पर कि क्या आनंद मिश्रा बक्सर के रण में निर्दलीय उम्मीदवार होंगे आनंद मिश्रा ने कहा कि अब जनता तय करेगी कि मुझे क्या करना है. आनंद मिश्रा ने बातों ही बातों में इशारा कर दिया कि अगर पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिला है तो मैं निर्दलीय भी चुनाव लड़ने को तैयार हूं. मैं अपने लोगों के लिए आया था. बक्सर के लिए जो सही होगा वही करूंगा.. मैं हमेशा अपने लोगों के बीच रहूंगा. यहां के लिए काम करता रहूंगा. आनंद ने कहा कि मैंने जॉब छोड़ा कि काम करूंगा मुझे लगा कि मैं मोदी जी का सिपाही बन के विजन को धरातल पर उतारूंगा. लोग मुझे बक्सर का बेटा कहते हैं मैं वापस लौटकर नहीं जाउंगा आनंद मिश्रा ने कहा कि मैं पूरी तरीके से यहीं रहूंगा.
आनंद मिश्रा ने कहा कि मोदी जी विजन लेकर चले हैं, मेरा सपना उसके साथ होना था. काम करने की इच्छा प्रबल होनी चाहिए. बक्सर के लोग मेरे साथ हैं. दरअसल आनंद मिश्रा असम कैडर के पूर्व आईपीएस हैं जिन्होंने रिजाइन कर दिया था. बक्सर के लोगों को भी इस बात की उम्मीद थी कि अगर अश्विनी चौबे को बीजेपी रिप्लेस करती है तो आनंद मिश्रा ही उम्मीदवार होंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
रविवार की शाम जब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उम्मीदवारों की सूची जारी कि तो बक्सर से मिथिलेश तिवारी का नाम था. बक्सर के लोगों के लिए ये नाम सच में चौंकाने वाला था क्योंकि मिथिलेश तिवारी मूल रूप से गोपालगंज के रहने वाले हैं और उनका कर्म क्षेत्र सह विधानसभा क्षेत्र भी वही जिला रहा है. पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा के साथ होली मिलन में आए युवाओं ने भी कहा कि इस बार बक्सर में बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा. इससे पहले बक्सर के दो बार सांसद रहे अश्विनी चौबे का भी संबंध भागलपुर से रहा है.
मालूम हो कि मूल रूप बक्सर जिला के परसौंडा के रहने वाले IPS आनंद मिश्रा ने यूपीएससी की परीक्षा महज 22 के उम्र में क्रैक कर ली थी. IPS आनंद मिश्रा अचानक इस्तीफा देने के बाद फिर चर्चा में आ गए थे. आईपीएस आनंद मिश्रा ने 22 साल में आईपीएस बनने के बाद करीब 12 साल भारतीय पुलिस सेवा को दिया.