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Kerala: दिल्ली के बाद अब केरल में शराब नीति पर विवाद, विपक्षी यूडीएफ ने की न्यायिक जांच की मांग

दिल्ली शराब नीति में हुए कथित घोटाले की चर्चा पूरे देश में है, अब केरल में भी शराब नीति घोटाला होने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने शराब नीति के कथित घोटाले का आरोप लगाते हुए राजस्व और पर्यटन मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

शराब नीति के कथित घोटाले की न्यायिक जांच की मांग
यूडीएफ ने ये भी मांग की है कि क्राइम ब्रांच के बजाय शराब नीति घोटाले की न्यायिक जांच कराई जाए, तभी असल सच्चाई सामने आ सकेगी। यूडीएफ का आरोप है कि शराब नीति में कई करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। दरअसल केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार अपनी ड्राई डे नीति को खत्म करने पर विचार कर रही है। अभी केरल में हर महीने की पहली तारीख को ड्राई डे होता है। जैसे ही ये रिपोर्ट सार्वजनिक हुईं केरल में राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया है। यूडीएफ ने आरोप लगाया कि एलडीएफ सरकार ने ड्राई डे नीति को खत्म करने के एवज में राज्य के बार मालिकों से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली है।

सीएम विजयन के दामाद पर आरोप
यूडीएफ नेता एमएम हसन ने कहा कि राज्य के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने शराब नीति को बदलने के लिए दबाव बनाया। यूडीएफ के अनुसार, इस मामले में राजस्व मंत्री एम बी राजेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यूडीएफ का आरोप है कि पर्यटन मंत्री को बचाने के लिए पुलिस में शिकायत की गई है। मोहम्मद रियास राज्य के सीएम पी विजयन के दामाद हैं। यूडीएफ के इस दावे की वजह एक वायरल ऑडियो क्लिप है, जो कथित तौर पर बार मालिकों की एसोसएशन के सदस्य की बताई जा रही है। इस ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि अपने मन मुताबिक शराब नीति बनवाने के लिए पैसे देने पड़ेंगे। यूडीएफ ने आरोप लगाया है कि शराब नीति के लिए 20 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई।

यूडीएफ ने मंत्रियों का मांगा इस्तीफा
विपक्षी गठबंधन का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है कि राजस्व मंत्री और पर्यटन मंत्री बिना सीएम की मंजूरी के ड्राई डे नीति में बदलाव की गारंटी दे सकें। यूडीएफ ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को राजस्व मंत्री के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया। हालांकि एलडीएफ का कहना है कि शराब नीति में बदलाव पर कोई विचार नहीं किया गया है।

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