मुंगेली। स्कूल खुलने से पूर्व ही स्कूलों की मरम्मत व जतन करने शासन-प्रशासन स्तर पर कड़े निर्देश जारी किए गए. इसके बाद भी मुंगेली का एक ऐसा स्कूल है, जहां जलभराव की वजह से स्कूल शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पांच दिन बाद भी पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है.
मुंगेली विकासखण्ड के कोलिहाडीह प्राइमरी स्कूल के परिसर में बरसाती पानी का लबालब जल भराव होने के कारण अभी तक स्कूल संचालन प्रारम्भ नहीं हो सका है. स्कूल शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के सप्ताह भर बाद भी इस स्कूल का नही खुलना कई सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही का खामियाजा स्कूली बच्चे भुगत रहे हैं.
आलम ये है कि बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बन्द है, जिसके लिए जिम्मेदार कौन है यह पालक पूछ रहे है? हालांकि, स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक रोजाना गांव आ रहे हैं, बच्चों से मिल भी रहे हैं, यही नहीं अपने उच्च अधिकारियों व पालकों से इस समस्या के निराकरण कर लिए रास्ता ढूंढने की पहल भी कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के आला अफसर बेसुध हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल खुलने से पूर्व यदि इस स्कूल का जतन किया गया होता, या जलभराव न हो इसके लिए कोई ठोस कदम उठाया गया होता तो आज ये स्थिति निर्मित नही होती. ग्रामीणों का कहना है कि पानी निकासी की जगह नहीं होने से स्कूल परिसर में चारों तरफ पानी ही पानी है. वहीं परिसर में घास-फूंस उग आया है, जिसके चलते सांप-बिच्छू का खतरा बढ़ गया है, यही वजह है कि स्कूल नहीं खोला गया है.
डीईओ ने जाहिर की अनभिज्ञता
जिला शिक्षा अधिकारी सीके धृतलहरे ने स्कूल की समस्या से अनभिज्ञता जाहिर की. जानकारी दिए जाने पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए विभागीय अमले को भेजकर स्थल परीक्षण के साथ ही स्कूल संचालन प्रारम्भ करने की बात कही. लेकिन सवाल यह भी है कि जब इतनी बड़ी गंभीर समस्या है तो क्या शिक्षा विभाग के मातहत अधिकारियों ने यह बात डीईओ को नहीं बताई. इसके अलावा नया सत्र प्रारंभ होते ही विभागीय अफसरों ने स्कूलों का जायजा लिया, तब भी क्या समस्या नजर नहीं आई.