एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पिछले कुछ दिनों से चर्चा में बने हुए थे. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस कपल को नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें घर और फार्महाउस खाली करने का आदेश दिया गया था. शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को मुंबई के जुहू स्थित घर और पुणे स्थित फार्महाउस खाली करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था. वहीं, अब इस मामले में इस कपल को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिल गई है.
ईडी (ED) ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वह शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को जारी किए गए बेदखली नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पी.के. की पीठ चव्हाण ने जोड़े को स्थगन के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत करने की अनुमति दी और कहा कि जब तक अपीलीय प्राधिकारी उनकी अपील पर निर्णय नहीं लेता, तब तक बेदखली नोटिस के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
बता दें कि उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक दिल्ली में अपीलीय प्राधिकारी 18 सितंबर से पीएमएलए न्यायाधिकरण के आदेश को शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) और राज कुंद्रा (Raj Kundra) की चुनौती पर अपना फैसला नहीं सुना देता. इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि अपीलीय प्राधिकारी जोड़े के खिलाफ कोई प्रतिकूल निर्णय जारी करता है, तो निर्णय को 2 सप्ताह तक लागू नहीं किया जाएगा. इस फैसले के बाद पीठ ने मामले को बंद कर दिया.
वहीं, बार और बेंच के अनुसार याचिकाओं की सुनवाई के दौरान उनके वकील प्रशांत पाटिल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएमएलए के प्रावधानों के तहत, एक बार जब पीएओ की पुष्टि निर्णायक प्राधिकारी द्वारा कर दी जाती है, तो प्रभावित व्यक्तियों को पीएमएलए के तहत लाभ प्राप्त करने का अधिकार होता है.
क्या है मामला?
दरअसल, साल 2018 में ईडी ने अमित भारद्वाज समेत अन्य के खिलाफ बिटकॉइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में शिकायत दर्ज की थी. इस मामले में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का नाम भी सामने आया था. भले ही दोनों आरोपी साबित नहीं हुए, लेकिन मामले में उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है. इसी साल अप्रैल में ईडी ने कपल की 98 करोड़ की प्रॉपर्टी को अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश दिया था, जिसमें पुणे स्थित उनका फार्म हाउस और मुंबई के जुहू स्थित उनका घर भी शामिल था.