सरकार किसी की भी हो लक्ष्मी में इतना दम होता है कि कांग्रेस राज में अमरजीत भगत के स्टाफ के कन्नौजे की इत्र की महक से कोई बच नहीं पाता। नए खेल के जरिए कन्नौजे खाद्य औषधि प्रशासन विभाग में फिर से काबिज हो गए है। अजेय कहे जाने कन्नौजे ने प्रमाणित कर दिया है कि सरकार कांग्रेस की रहे या भाजपा की उनका जुगाड पक्का है। पांच साल कांग्रेस के शासनकाल में अमरजीत भगत के स्टाफ में रह कर खूब कमाई की।स्टेट वेयर हाउसिंग में रह कर कमाई की। सरकार बदली तो दम लगा कर एक मंत्री के यहां पोस्टिंग भी करा ली। अनुभव था रेत से कैसे तेल निकाला जाता है। हम कर विरोध हुआ तो मंत्रीजी भी ऊपर नहीं मनवा सके। उल्टी गंगा बह नहीं पाई।अब गंगा सीधी बह रही है।
जिस विभाग से संघर्ष मिश्रा ने संघर्ष कर बाहर का रास्ता दिखाया था उसी विभाग में आगमन हो गया है।खाद्य विभाग चाहे वो आपूर्ति हो या औषधि, मलाई भरपूर है फिर अमरजीत भगत से सालो पुराना रिश्ता भी है। इसके बावजूद भाजपा के शासन में किनारे लगाने के बदले शाही सवारी का अवसर दिया जा रहा है तो चाल, चेहरा और चरित्र समझ में आ रहा है। कही खाने के दांत और दिखाने के दांत में नया चक्कर तो नहीं है। कन्नौजे के पुराने घोटाले की फाइल निकल जाएगी तो मुख्य धारा से हटना पड़ेगा,स्वास्थ्य मंत्री जी देखिए,आपका ही विभाग है,खाद्य औषधि प्रशासन, वैसे भी आपके यहां ही ओएसडी भी बने थे क्या?
कन्नौज के इत्र का जवाब नहीं