सरकार बदलते ही शासन के कर्ता-धर्ता अब जिधर बम उधर हम की तर्ज पर दिखने लगे हैं। नई सरकार की तीमारदारी में लगे ये अफसर अपने महत्व को साबित करने हर पैंतरे आजमा रहे हैं। कुछ अफसर अब राम मंदिर के चक्कर लगा रहे हैं तो कुछ जागृति मंडल की परिक्रमा में लगे हैं। कई लोग तो संघ के लोगों के घर पर जाकर उन्हें सरकार बनने की बधाई दे रहे हैं। समय का चक्र बदलने में अभी कुछ दिनों का समय और है, उसके बाद चांदी काटने वाले वो अफसर वहां से बाहर किए जा सकते हैंं। कांग्रेस शासन में इन अफसराें ने अपना रंग ऐसा दिखाया कि विपक्ष के नजर में चढ़ गए। अब उनका रंग उतारने के लिए उनसे गाढ़े रंग के लोगों को बिठाना होगा।
हालांकि राजनीति में अफसरों की जमात थैली के बल पर आगे बढ़ने पर विश्वास रखती है। चुनाव के बाद जिस तरह से भाजपा ने अपने नेताओं के चेहरे बदले हैं उसी प्रकार अब अफसरों के चाल-चरित्र और चेहरे के आधार पर उनका पूरा हुलिया बदल जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। कोल, सेंड और गोबर की कालिख पुते अफसरों के पैतरों को समझने के बाद केंद्र ने ईडी भेजकर उनके करतूतों को जग जाहिर किया। वैसे ही आने वाले समय में यहां पर केंद्र में गए छत्तीसगढ़ के अफसरों को भेजने में देरी नहीं करेगी। हलांकि इनमें से कई अफसर वहां पर अच्छी जगहों पर है, लेकिन भाजपा को 2024 को लोकसभा अपने पक्ष में करना है तो जनवरी से ही इसकी झलक देखने मिलेगी। अभी मंत्रिमंडल गठन के बाद सरकार अपने पत्ते खोलेगी। उसके पूर्व वह उन सभी को परख रही है जो सांप के बिल में पल कर जहरीले हो चुके हैं।
वैसे तो मैडम के ईशारे पर नाचने वाले अफसर नख विहिन हो चुके हैंं। लेकिन नाखून उगने में देर नहीं लगती अत: ऐसे लोगों को वहां फेंका जाएगा जहां पर नाखून उगे लेकिन अपने आप को खरोंचने के अलावा कोई काम उनके पास नहीं होगा। पुलिस, वन, पंचायत, परिवहन, नगरीय निकाय,जेल और वित्त विभाग के ऐसे अफसरों को यहां पर निकालकर प्रशासन को सुधारा जाएगा। पुलिस, वन, पंचायत, परिवहन, नगरीय निकाय,जेल और वित्त विभाग के ऐसे अफसरों को यहां पर निकालकर प्रशासन को सुधारा जाएगा। वैसे रंग बदलती दुनिया में गिरगिट की याद दिलाने वाले ऐसे कुछ अफसरों पर ईडी की निगाह है।
शराब और कोल मामले में कुछ लोगों पर कार्रवाई का अंदेशा है, लेकिन देखना हैं कि इनकों कग तक घेरे में लिया जाएगा। सरकारी खजाने का चूना लगाने वाले भी सरकार बदलने के बाद बदहवासी में यहां वहां मुंह मार रहे हैं। उन पर नई सरकार के उस मुखिया को नजर रखना होगा जिन्होंने पांच साल तक उनके हर मार को झेला है। वैसे नई सरकार में वो निष्पक्ष कुर्सी पर बिठाए जा चुके है, लेकिन उन्हें पूरी नजर सरकार के हर कदम पर रखना होगा।