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क्यों हटे भूरे क्यों आ रहे है सिंह

राजधानी का कलेक्टर प्रदेश के हर जिले के कलेक्टर से बड़ा कलेक्टर माना जाता है। राजधानी में सर्वेश्वर भूरे कलेक्टर रहे। कांग्रेस शासन काल में उनकी कार्यप्रणाली से सभी वाकिफ थे। ये भी माना जा रहा था कि अगर कांग्रेस शासन में वापस आती तो रायपुर में सबसे अधिक साल तक कलेक्टर बनने का रिकार्ड भी भूरे के हिस्से में जाता। भाजपा के पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ नेताओं तक ये बात लगातार जा रही थी कि कलेक्टर रायपुर जमीन के मामले में एक सरनेम विशेष के लोगो को प्राथमिकता दे रहे है। कानून व्यवस्था के नाम पर एक मोहल्ले में आधी रात के बाद तक दुकान खोलने को अनदेखा करना भूरे को भारी पड़ गया।

बताया जाता है कि प्रदेश के विधान सभा चुनाव 2023 में सर्वाधिक 67 हजार वोट से जीतने वाले ब्रजमोहन अग्रवाल को उनके क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी थी कि उनके विधानसभा क्षेत्र में दिए जाने राशन दुकान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुनाव परिणाम निकलने का बाद कलेक्टर भूरे ने जानबूझ कर दी जबकि इस मामले में चुनाव के आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण राशन दुकान दिए जाने की कार्यवाही रुकी हुई थी। चर्चा इस बात की है कि राशन दुकान देने के मामले में करोड़ो का लेनदेन हुआ है। कलेक्टर भूरे के द्वारा इन मामले को गंभीरता से न लेना भारी पड़ा और उनकी चुनाव आयोग में सचिव बना कर शंट कर दिया गया है।

उनके स्थान में रायपुर जिला पंचायत में कभी सीईओ रहे गौरव सिंह को नया कलेक्टर बनाया गया है। गौरव सिंह को कांग्रेस कार्यकाल में कभी भी तव्वजो नहीं दिया गया था। उनसे कनिष्ठ आई ए एस अफसर कलेक्टर बन कर जिलों में घूमते रहे। गौरव सिंह आई आई टी दिल्ली से पासआउट 2013 बेच के अधिकारी है। उन्होंने सोलर एनर्जी में पी एच डी किया है।

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