रायपुर। विधायक राजेश मूणत ने विधानसभा में शराब खरीदी नीति को लेकर सवाल उठाए। शराब के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा, सरकारी शराब दुकानों में कार्य करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी ने कई गंभीर अनियमितता की है, इसके बाद भी किसी प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसी की जांच कराने की मांग की, जिसके बाद मंत्री ने प्लेसमेंट एजेंसी की जांच की घोषणा की।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक राजेश मूणत ने पूछा, क्या शराब खरीदी पर सरकार की कोई नीति है। किस नीति के आधार पर सरकार पार्टियों से शराब खरीदती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुपस्थिति में लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने जवाब में कहा, छत्तीसगढ़ में शराब नीति के तहत सरकार शराब खरीदती है। साथ ही मांग और बिक्री के अनुसार शराब दुकानों के लिए शराब खरीदी जाती है। श्री मूणत ने फिर सवाल किया कि नीति क्या है। क्या टेंडर आमंत्रित किया जाता है। कोटेशन आमंत्रित किया जाता है? राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर खरीदी की जाती है? कौन शराब की सप्लाई कर सकता है, इसका टर्नओवर क्या है। मंत्री ने जवाब दिया कि रेट ऑफर और टेंडर के माध्यम से शराब की खरीदी होती है।
3 एजेंसी से ही शराब खरीदी गई
राजेश मूणत ने कहा, छत्तीसगढ़ में सिर्फ तीन एजेंसी के लोग ही शराब की सप्लाई करते रहे। देश में कितनी डिस्टलरी है, लेकिन सिर्फ 3 लोग ही छत्तीसगढ़ में सप्लाई करते रहे। देसी और विदेशी शराब का टेंडर कब तक आमंत्रित किया। कितनी फर्मों ने भागीदारी की ये बताएं। मंत्री ने जवाब दिया, देसी मदिरा के लिए प्रदेश में तीन ही डिस्टलरी हैं, इसलिए 3 ही टेंडर आए होंगे। साल 2013 में यह नियम बना। श्री मूणम ने इस पर कहा, क्या ये नियम है कि राज्य के लोग ही टेंडर में भागीदारी होंगे? क्या ऐसा नियम है कि राज्य की डिस्टलरी ही सप्लाई देगी। साल 2018-19 में 37 फर्मों ने देसी शराब खरीदी का आवेदन दिया। 2019-20 में 61 फर्म, 2020-21 में 21 फर्मों का विदेश क्रय का आवेदन आया। साल 2021- 22 में सिर्फ 14 विदेशी फर्मों का आवेदन आया।
प्रदेश के डिस्टलरी से देसी शराब सप्लाई
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा, आपको ना देसी से मतलब है ना विदेशी से। इस पर मूणत ने कहा, हमें किसी से मतलब नहीं है। तब विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, फिर क्यों सवाल कर रहे हैं। वहीं मंत्री ने जवाब दिया कि यह नियम 2013 से है कि सिर्फ प्रदेश के डिस्टलरी वाले ही देसी शराब की सप्लाई करेंगे।
एक शराब सप्लायर ने 5 साल पूरे जिले में की शराब सप्लाई
मूणत ने पूछा, जो तीन शराब सप्लायर है, उनके जिले बांटे गए थे क्या। मेरा ये सवाल इसलिए है कि सिंडिकेट बनाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश को शराब माफिया ने लूटने का काम किया है। मंत्री ने जवाब दिया, जिले को 8 जोन में बांटकर सप्लाई की जाती थी। उसके आधार पर तीन दुकान होने की वजह से उन्हें ही बांटा गया। मूणत ने आगे पूछा, क्या 5 साल तक एक व्यक्ति एक ही जिले में शराब की सप्लाई करेगा। ऐजेंसी ने किसे शराब की सप्लाई की। कहां कहां की? मंत्री ने जवाब दिया टेंडर के अनुसार 8 जोन में शराब बांटा गया।
फर्जी प्रकरण, नहीं हुई कोई कार्रवाई
राजेश मूणत ने पूछा, शराब दुकान पर फर्जी प्रकरण बनाए। साल 2019 में चार प्रकरण दर्ज कराए, एक आदमी जेल गया। 19-20 में 8 प्रकरण बने, एक आदमी जेल गया। दुकानों में दो तरह की शराब बिक रही है। एक बिना होलोग्राम की डुप्लीकेट और एक सरकारी। जो डुप्लीकेट के प्रकरण दर्ज किए गए, उसमें एक को भी सजा नहीं हुई। सरकारी दुकान में प्लेटमेंट एजेंसी वहां पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेचती है, इस पर प्रकरण तो दर्ज हुए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रेत से महंगी बिकी शराब
राजेश मूणत के सवाल पर मंत्री ने कहा, अवैध शराब, मिलावटी और बिक्री पर विधिवत कार्रवाई हुई है। दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई है। जेल भी भेजा गया है। श्री मूणत ने बीच में टोकते हुए कहा, सरकारी दुकानों में कोई बाहर से आकर शराब बेच दे, इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। प्रदेश में 568 दुकानों में रेत से ज्यादा कीमत पर शराब बेची गई। सरकार की दुकान में डाका डालकर चली जाए और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठे रहे। ये छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य की बात है। सरकार को राजस्व की बड़ी हानि हुई है। ये मुख्यमंत्री का विभाग है, क्या इस पर मंत्री जी जांच कराएंगे। मंत्री ने अपने जवाब में कहा, 2019-20 में 500 केस बनाए गए, जिसमें प्लेसमेंट एजेंसी के 574 लोग सेवा से पृथक किए गए। मूणत ने कहा, प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। छत्तीसगढ़ को जिन लोगों ने लूटा, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने कहा, इस पर ईडी जांच कर रही है।
शराब पर सदन में हंगामा
मंत्री के जवाब के बाद भी राजेश मूणत संतुष्ट नजर नहीं आए। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाए कि पक्ष को ईडी की जांच पर भरोसा नहीं है। श्री मूणत ने फिर सवाल किया, क्या प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने जवाब दिया कि इस पर पहले ही काफी कार्रवाई की गई है। सेल्स मैन, चीफ सेल्स मैन, मल्टी पर्पस वर्कर और 30 से ज्यादा विभागीय अधिकारियों पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है। कोई नहीं बचेगा। मंत्री ने कहा, प्लेसमेंट एजेंसी ने अपने नीचे के कर्मचारियों को बचाने की कोशिश नहीं की है।