Buxar News: जिले के चौसा में निर्माणाधीन एसजेवीएन के बिजली उत्पादन पावर प्लांट के गेट पर किसान और पुलिस के बीच बुधवार को हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं, इस झड़प के बाद कई वीडियो अब वायरल हो रहा है. जिसमें लोग पुलिस पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा रहे हैं. वीडियो में लोगों के जख्म भी दिख रहा है. इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को घेर रहा है.
पुलिस लाठीचार्ज में कई घायल
मिली जानकारी के अनुसार इस झड़प में सदर डीएसपी धीरज कुमार का सिर फट गया है. वहीं, मुफस्सिल थाना अध्यक्ष और कई पुलिस कर्मी के घायल होने के बाद जिले की कई थाने की पुलिस की टीम के साथ जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल और एसपी मनीष कुमार अपने दल बल के साथ मौके पहुंचे, जहां पावर प्लांट के मुख्य गेट पर धरना दे रहे किसानों को हिरासत में लिया. इस दौरान लाठीचार्ज किया गया. आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस कार्रवाई में करीब 20 किसानों को हिरासत में लिया गया. कुछ महिलाओं को भी पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की है.
पिटाई का वीडियो वायरल
पावर प्लांट के बाद पुलिस बनारपुर सहित आसपास के गांव में भी पहुंची, जहां पुलिस चिन्हित किसानों के घरों में घुसकर महिलाओं बच्चों तक को बेरहमी से पिटा. लोगों ने आरोप लगाया है कि घरों में कीमती सामान के अलावा पूजा पाठ के लिए रखें सामानों को भी तहस-नहस कर दिया. टीवी फ्रिज के अलावा घरों के कई कीमती सामान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. इस पूरे घटना का वीडियो ग्रामीणों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. हालांकि एबीपी न्यूज़ वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
बक्सर के डीएम ने दी जानकारी
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर बक्सर जिला अधिकारी अंशुल अग्रवाल ने समाहरणालय सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि किसानों से लगातार वार्ता हो रही थी. इस दौरान बुधवार को वार्ता करने टीम आई थी, लेकिन इन लोगों ने कानून को हाथ में लिया और प्रशासन पर ही हमला कर दिया. इस दौरान 6 से 7 राउंड गोली भी चलाई गई. इन लोगों के खिलाफ विधि संवत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि किसानों से कोई समस्या नहीं है. कुछ सामाजिक तत्व इस भीड़ में शामिल होकर लोगों को भड़का रहे हैं, जबकि 144 धारा लागू है.