झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट से झटका लगा है। PMLA कोर्ट ने टेंडर कमीशन घोटाले में आलमगीर आलम को 6 दिनों की ED रिमांड पर भेज दिया है। ED ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी। हालांकि कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड दी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंत्री आलमगीर को ED विगत बुधवार (15 मई) को देर शाम उनके आवास से गिरफ्तार किया था। करीब 12 बजे ED की टीम उन्हें PMLA कोर्ट लेकर पहुंची थी।
दरअसल ED ने छह मई को आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल (52) और घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था। इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने छापेमारी में 36 करोड़ रुपये से ज्यादा जब्त किए थे। हालांकि आलमगीर आलम ने ईडी के दावे पर हाल ही में कहा था कि इससे मेरा कोई लेना नहीं है। मैं संजीव कुमार लाल की गतिविधियों के बारे में नहीं जानता था।
आज जब आलमगीर आलम को कोर्ट रूम में ले जाया जा रहा था तब उनके समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। जिसके बाद कोर्ट परिसर में मौजूद पुलिस ने उन्हें नारेबाजी करने से रोका। कल से रिमांड की अवधि शुरू हो रही है। आज वे बिरसा मुंडा जेल होटवार में रहेंगे।
रात ईडी दफ्तर में गुजरी
आलमगीर आलम की रात ईडी दफ्तर में गुजरी। बुधवार की शाम ED ने उन्हें गिरफ्तार किया है। दो दिन के सवाल-जवाब के बाद ये कार्रवाई हुई है। इससे पहले ED ने मंत्री के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर को गिरफ्तार किया था। जहांगीर के घर से 30 करोड़ से ज्यादा कैश मिले थे।कल गिरफ्तारी के बाद ईडी दफ्तर में ही उनका मेडिकल चेकअप किया गया। उनसे दवाइयों की जानकारी लेकर वो मुहैया कराई गई।
राज्य के इन रसूखदारों को गिरफ्तार कर चुकी है ईडी
ईडी राज्य के रसूखदार लोगों की संलिप्तता से जुड़े धन शोधन मामलों की जांच कर रही है। यह पिछले दो से तीन वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भारत प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन और पूजा सिंघल के अलावा राजनीतिक रूप से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।