ट्रेन में सफर के दौरान पहले वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट मिलती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना काल से इसे बंद कर दिया है। यह छूट अब तक बहाल नहीं की गई हैं। इसी बीच रेल किराए में सब्सिडी बहाल किए जाने का मुद्दा फिर लोकसभा गूंजा। लोकसभा में इसे से जुड़ा एक सवाल रेल मंत्री से पूछा गया। हालांकि, रेल मंत्री ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। रेल मंत्री ने बस इतना कहा कि भारतीय रेलवे पहले से ही हर रेल यात्री को ट्रेन किराए में 46 फीसदी की छूट दे रहा है।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि साल 2022-23 के दौरान रेलवे ने यात्री टिकट पर कुल 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। इस लिहाज से हर यात्री द्वारा की गई यात्रा पर रेलवे औसतन 46 फीसदी की सब्सिडी देता है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए है। इसके अलावा दिव्यांगजनों के लिए चार श्रेणी में मरीजों की 11 श्रेणियों में और विद्यार्थियों को आठ श्रेणी में अलग से छूट दी जाती है।
दरअसल, मार्च 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन से पहले भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराए में 50 प्रतिशत तक छूट देता था। कोविड लॉकडाउन के दौरान, रेलवे ने ट्रेनों को भी रोक दिया था। सरकार ने जून 2022 में फिर से रेल संचालन शुरू किया था, लेकिन जब ट्रेन का ऑपरेशन शुरू हुआ तो वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट बहाल नहीं की गई। तभी से यह मुद्दा संसद के दोनों सदनों में लगातार उठ रहा है।
इससे पहले एक आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए भारतीय रेलवे ने बताया था कि रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 15 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से लगभग 2,242 करोड़ रुपए कमाए है। पिछले साल रेल मंत्री वैष्णव ने नवंबर में लोकसभा को बताया था कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपए की सब्सिडी की पेशकश की थी और रियायत अभी भी जारी है।