रायपुर। नई सरकार गठन के बाद अब पुरानी योजनाओं की समीक्षा शुरू हो गई है। साथ ही प्रदेश के उन अफसरों पर नजर रखी जा रही है, जिन्हें सरकार के प्रसाद पर्यंत अच्छा रिस्पांस मिला। ऐसे जूनियर अफसरों के सामने सीनियर अफसर लूप लाइन में भेजे गए। उन अफसरों को उम्मीद है कि अब नई सरकार उन्हें मौका अवश्य देगी। पुलिस और वन विभाग में ऐसे कारनामों को बोलबाला रहा। पिछली सरकार के प्रस्ताव को केंद्र के देर से स्वीकृति की वजह से अशोक जुनेजा अब भी डीजीपी के पद पर पदस्थ हैं। तकनीकी कारणों से उनका कार्यकाल अगले साल खत्म होगा। सरकार बदलने के बाद अब इस पद पर नई पदस्थापना किए जाने की पहल शुरू हो गई है।
प्रदेश में कई सीनियर पुलिस अफसरों में 1990 बैच के आईपीएस राजेश मिश्रा जे विशेष डीजी के पद पर एफएसएल में पदस्थ हैं। विभाग में वे सीनियर होने के साथ ही अच्छे आईपीएस के रूप में जाने जाते हैं। हालांकि सरकार चाहती है कि विभाग को अच्छा बनाने के लिए कड़े निर्णय लेने वाले अफसर चलाएं। उनका रिटायरमेंट अगले साल होना है, ऐसे में उनका नाम सबसे ऊपर हैं।
वहीं दूसरे नंबर में अरुण देव गौतम, पवन देव, और एसआरपी कल्लूरी का नाम भी चल रहा है। अभी सरकार ने पुलिस प्रशासन की नक्सल गतिविधियों के चलते समीक्षा उपरी स्तर पर की है। सरकार ने इनसे कड़ाई से निपटने का प्लान तैयार किया है। ऐसे में स्वच्छ छवि के अफसर को विभाग की कमान देने से अभियान अच्छा चलेगा। राजेश मिश्रा की छवि स्वच्छ और बेदाग हैं।
रमन सरकार के समय वरिष्ठता के आधार पर पुलिस मुख्यालय का संचालन होता रहा कांग्रेस सरकार आने के बाद वरिष्ठ लोगों को दरकिनार कर दिया गया। सरकार बदलने के बाद अब फिर से वरिष्ठता को प्राथमिमकता दिए जाने की शुरूआत होगी। वहीं विशेष डीजी के पद पर एफएससल की कमान संभाल रहे हैं। अब देखना है कि नए साल में नई सरकार का तोहफा किसे मिलता हैं।