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ED BREAKING: शराब और कोयला घोटाले में दो पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, EX CS, IAS अधिकारियों सहित 100 से अधिक लोगों पर ACB में FIR

रायपुर। ED BREAKING: छत्‍तीसगढ़ में कोयला और शराब घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। ईडी (ED) ने शराब और कोयला घोटाले मामले में रायपुर के एंटी करप्‍शन ब्‍यूरा (ACB) में एफआइआर दर्ज कराई है। ईडी की ओर से दर्ज केस में शराब घोटाले में 35 नामजद और कोयला घोटाले में 71 नामजद आरोपितों के नाम शामिल है। ईडी ने जिन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया उसमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व मुख्‍य सचिव, दो निलंबित आइएएस, रिटायर्ड आइएएस अफसर सहित कई अन्‍य कांग्रेसी नेताओं के शामिल हैं।

इन दिग्‍गजों पर ईडी ने दर्ज किया केस
सूत्रों के अनुसार शराब घोटाले में अनवर ढेबर, पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, एक दर्जन से अधिक आबकारी अधिकारी के नाम शामिल हैं। जबकि कोयला घोटाले में जेल में बंद रानू साहू, समीर विश्वनोई, सौम्‍या चौरसिया, सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, विनोद तिवारी, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, शिशुपाल सोरी, बृहस्पत सिंह, विवेक ढाढ, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यूडी मिंज, पूर्व विधायक गुलाब कमरो, रामगोपाल अग्रवाल, विजय भाटिया, चंद्रदेव राय समेत 71 नामजद आरोपित है।

कैसे हुआ शराब घोटाला
शराब घोटाले में ईडी (ED) ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. ED ने चार्जशीट में कहा है कि साल 2017 में अच्छी मंशा से आबकारी नीति में संशोधन कर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्प एलटीडी (CSMCL) के जरिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के सरगना अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिये भ्रष्टाचार किया. इस दौरान 2161 करोड़ का घोटाला हुआ. ED ने अपनी चार्जशीट में 3 स्तर का घोटाला बताते हुए इसे भाग A, B, C भाग में बांटा है.

भाग A के तहत CSMCL के MD अरुणपति त्रिपाठी को अपने पसंद के डिस्टिलर की शराब को परमिट करना था, जो रिश्वत-कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए थे. देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, जिसे त्रिपाठी डिस्टिलर और सप्लायर से कमीशन लेकर एक्सेलशीट तैयार करते, किससे कितना कमीशन आया, उसे अनवर ढेबर को दिया जाता था.

भाग B के तहत अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने देशी शराब और अंग्रेजी शराब ब्रांड के होलोग्राम बनाकर बेहिसाब शराब CSMCL की दुकानों में बेचीं, जिससे राज्य को सीधे तौर पर राजस्व का नुकसान हुआ. भाग C में डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर से एनुअल कमीशन शामिल है. आपराधिक सिंडिकेट के जरिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

कोयला घोटाला
कोयला घोटाले की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं. ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में करीब 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है. इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्तियों को बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोल लेवी के लिए अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का एक कार्टेल था, जो कोयला परिवहन के जरिए प्रति टन 25 रुपये की वसूली में शामिल था. प्रदेश में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली की जा रही थी.

कोयला घोटाले में पहला चार्ज शीट पिछले साल नौ दिसंबर को दायर किया गया था, जिसमें आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी और उनके रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था. मामले के ये सभी आरोपी को गिरफ्तार कर ईडी ने जेल भेज दिया है.

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