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खिलाफत का ये अंजाम तो होना ही था

2015 का साल छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासन काल का एक ऐसा अध्याय था जिसमें कीचड़ पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के दामन में भी उछाला गया था। कीचड़ उछालने के मामले में दो आई ए एस अफसर के नाम सामने आए थे। एक थे नागरिक आपूर्ति निगम के सीईओ आलोक शुक्ला और दूसरे थे नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अनिल टुटेजा। दोनो के नाम से भारी राशि देने की जानकारी सामने आई थी। दोनो आई ए एस अफसरों के विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसते जा रहा था।महंगे वकीलों के दलीलो ने बहुत हद तक राहत दिला भी दिया।इसी बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। भाजपा के मुख्यमंत्री के दुश्मन नई सरकार के मित्र बन गए। एक हलफनामा दिया और पुराने पापों को धोने का इंतजाम हो गया। नई सरकार ने महती जिम्मेदारी दे दी।एक टोली बनी।पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय अड्डा बना और शुरू हुआ हर योजना में भ्रष्ट्राचार का। किस पोस्ट में कौन बैठेगा कौन कितना पैसा देगा, सब तय होने लगा।

ऐसा कोई विभाग नही बचा था जिसमे दलाल नही जमे प्रदेश में कोयला और शराब घोटाले में करोड़ो रुपए का गोलमाल हुआ। सारे पैसे कहां से आते जाते इसकी सूचना केवल कुछ लोगो को होती थी जिसने एक बड़ा किरदार अनिल टुटेजा थे। ये वही अनिल टुटेजा है,जिनको प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का चेला माना जाता रहा है। दोनो का नाम राज्य के आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग और एंटी करप्शन ब्यूरो के एफ आई आर में है।

अनिल टुटेजा के हाथ पांव नागरिक आपूर्ति निगम के घोटाले में शामिल था इससे बचने के लिए कांग्रेस सरकार में घोटालों को अंजाम देने का ठेका लेते गए। कोयला घोटाले और शराब घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम लगातार आते रहे। क्या व्हाट्स एप चैट, क्या डायरी बही खाते हर में ए टी(अनोप चंद तिलोक चंद नहीं) ए टी ही दिखने लगा। सौम्या चौरसिया के साथ मिलकर कलेक्टर एसपी सहित हर विभाग में बड़े पद को बेचने की संस्था खुल गई थी। लोक सेवा आयोग तक में टोमन सिंह सोनवानी इन्ही का मोहरा था। ई ओ डबल्यू में आरिफ शेख को बैठाकर न्याय को खरीदने बेचने का काम भी इन्ही के काल की देन थी।

आयकर विभाग ने भी अनिल टुटेजा को खंगाला तो बेटा यश का गान भी दिखा। बाप बेटे सियासत का मजा लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शैल कंपनी बनाकर काले धन को सफेद करने में दोनो ने महारत हासिल कर ली थी। बेटा सरकार का सर्विस प्रोवाइडर बन गया। आज भी जिस नान घोटाले के लिए पिता जी ने खेल किए उसी विभाग में सर्विस करने वालो की सैलेरी से कमीशन कट रहा है।

कांग्रेस सरकार में रहते रहते इतना लूट चुके है कि जगह नही है ।शराब मामले में अनवर ढेबर के साथ दोस्ती यारी खूब रंग लाई अब रंग जमेगा जब मिल कर बैठेंगे सारे यार लाल कोठी में। ईडी को खूब छकाया है बाप बेटे ने अब मौका हाथ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही थर्ड डिग्री की यातना देने पर रोक लगाई है लेकिन पूछताछ पर रोक नही है। आगे आगे देखिए होता है क्या?

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