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अभी तक केवल “दलाल” अंदर हो रहे है, “लाल” होने वाले की बारी कब आयेगी!

छत्तीसगढ़ में आयकर, ईडी, एसटीएफ, ई ओ डबल्यू और न जाने कितनी जांच एजेंसी कांग्रेस शासन काल में हुए कोयला, शराब, राशन, डी एम एफ, सहित न जाने कितने घोटाले की जांच कर रही है। सभी मामले में सौ से अधिक व्यक्ति जेल की सलाखों के पीछे है। पुरुष तो पुरुष महिलाए भी इस मामले में पीछे नहीं है। सभी पुरुषो का नाम बताना संभव नहीं है ।दो महिलाएं है इनमे एक आई ए एस है रानू साहू और दुसरी महिला है सौम्या चौरसिया, जो आई ए एस तो नही थी, सीधी साधी सरकारी सेवा करती तो भविष्य में आई ए एस बन भी जाती। दोनो महिलाओ को रुतबे और पैसे की ऐसी खुजाल मची कि हर सेकंड पैसा बटोरने लगी।

थोड़े दिनों पहलेई ओ डबल्यू ने पांच दलाल को पकड़ लिया। बंदों का काम कोरबा में रहकर कोयला कारोबारी से 25रूपये टन के हिसाब से वसूली कर महासमुंद,रायपुर और दुर्ग में पहली कड़ी के लिए दूसरी कड़ी को पैसा देना था। चार नाम सर्व विदित है महासमुंद में सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदारी में चाचा जी, रायपुर में अनिल टुटेजा और राम गोपाल अग्रवाल(RG, राहुल गांधी कदापि नहीं) और दुर्ग में सौम्या चौरसिया।

इसी प्रकार शराब घोटाले में भी नाम थे अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, और अमर मणि त्रिपाठी। राशन घोटाले में मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर और राजीब कुमार । ये सभी त्रि स्तरीय बेईमानी भ्रष्ट्राचार की बीच की कड़ी थे जो पंद्रह फीसदी का कट लेकर ईमानदारी से प्चायसी फीसदी राशि दलाली काट कर “लाल” को देते थे। ये “लाल” होने वाला “लाल” भी कही दलाल है क्योंकि बने रहने और किसी को नहीं बनाने के नाम पर पैसे देने की परंपरा जो ठहरी।

ये लोग देश की राजधानी में बैठकर किसी लाल को प्राण वायु देते है। ये लाल, खुली हवा में सांस ले रहा है लेकिन कभी कभी जिक्र जरूर करता है कि उसके खिलाफ षड्यंत्र हो सकता है। इधर सौ के आंकड़े को छूने वाले दलालों में एक दलाल टूटने की स्थिति में है।दिल्ली वातानुकुलित कार्यालय से रायपुर के नवा रायपुर में भी ठंडी हवा के नीचे करोड़ो रुपए वसूल कर सिर्फ पंद्रह फीसदी कट पाकर पूरे घोटाले की राशि की बेईमानी के लिए जिम्मेदार बन गए है।

दो डायरी बना कर रखे थे “मिलने वाली” और “देने वाली”। दोनो अलग अलग जगह रखी गई थी। “मिलने वाली राशि की डायरी”तो जांच एजेंसी जब्त कर ली है अब “देने वाली डायरी ” को देने का मन बन रहा है। क्यों अकेले पूरे घोटाले की राशि के लिए जिम्मेदार बने? किसी भी वक्त रायपुर दक्षिण के एक मोहल्ले स्थित मकान में जांच एजेंसी घुस सकती है। जहां डायरी सुरक्षित है। सॉलिड सबूत मिलने के बाद सॉलिड लाल व्यक्ति भी घेरे में आएगा। मानसिक रूप से तैयार है ही।

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