मोदी सरकार ने राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को वीवीआईपी सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद यह कदम उठाया गया है। सरकार ने सभी हाई रिस्क वाले गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बता दें कि 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प पर जालनेवा हमला हुआ था। एक 20 वर्षीय हमलावर ने AR-15 स्टाइल राइफल से ट्रम्प पर आठ गोलियां चलाईं। ट्रंप के दाहिने कान में गोली लगी। इस घटना के बाद दुनिया भर में वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। गणमान्य लोगों की सिक्योरिटी को पहले से ज्यादा पुख्ता करने की जरूरत महसूस होने लगी है। इस घटना ने केंद्र सरकार को वीवीआईपी सुरक्षा पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर किया है।
सरकार के निर्देश में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज पर हुए हमलों का भी जिक्र किया गया है। इन घटनाओं ने दुनिया भर में वीवीआईपी सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को 8 जुलाई, 2022 को नजदीक से गोली मारी गई थी, जबकि इमरान खान पर 3 नवंबर, 2022 को रोड मार्च के दौरान हमला हुआ था।
केंद्र सरकार के निर्देश में तीन मुख्य सुधार क्षेत्रों पर जोर दिया गया है: भौतिक सुरक्षा उपाय, तकनीकी निगरानी और आकस्मिक अभ्यास। इसके अलावा, निजी सुरक्षा अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे मेंं भी विस्तार से बताया गया है। सरकार ने वीवीआईपी सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया।