एक व्यक्ति के दो रूप हो सकते है इसे समझने के लिए कही जाने की जरूरत नहीं है। छत्तीसगढ़ के औद्योगिक राजधानी कोरबा में आपका स्वागत है। यहां एक व्यक्ति है जो कल वीडियो में भाजपा की जीत और कांग्रेस के हार का कारण बता रहे है। ये व्यक्ति कल के पहले तक कांग्रेस में जय सिंह था लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद निश्चित रूप से इनके नाम से सिंह हटा कर कांग्रेस के वफादार लोगो ने चंद लगा दिया होगा।
जय चंद ,नाम इतिहास में गद्दारों के लिए बतौर उदाहरण दिया जाता है। आज भी राजस्थान में जय चंद की एक भी मूर्ति इस कारण नहीं लगाई गई है कि मुगल शासक को राजपूतों की मुखबिरी किया था। कोरबा के जय सिंह ,जय सिंह है लेकिन कल जिस तरह से दिल्ली में चल रहे पराजय मंथन समीक्षा के बीच में ही अपनी बात कही उन्हे जय चंद बना दिया गया है।
भले ही अपनी पार्टी में जय सिंह, जय चंद बन गए हो लेकिन आम जनता में जय सिंह की निर्भीकता और बेबाकी की जय जयकार हो रही है। दिल्ली में हार की जो भी वजह बताई गई हो लेकिन छत्तीसगढ़ का मतदाता जय सिंह के इस बयान से अक्षरतः सहमति रखता है कि जय सिंह ने कांग्रेस के हार के जितने भी कारण बताए है वे सत्य है।
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राज्य में केवल एक व्यक्ति एंड प्रा लि सहित उसके अनवर -सूर्यकांत की तूती बोल रही थी। प्रदेश के प्रशासनिक अमले को मुख्य सचिव नहीं बल्कि महानदी भवन की एक उप सचिव हांक रही थी। कुछ आईएएस और आईपीएस सहित प्रतिनियुक्ति में आए बीएसएनएल के अधिकारी सरकार के कर्मचारी न होकर पार्टी के दलाल हो गए थे। इनका मुख्यालय भिलाई था। पूर्व मंत्री जय सिंह ने नाम लेकर बताया है कि सत्ता के प्रमुख से लेकर प्रा लि के कौन कौन कांग्रेस को हराने वाले हैं।
ये सच हैं कि राज्य के शहरी क्षेत्र एक जाति विशेष के गुंडागर्दी के लिए छोड़ दिया गया था। मंत्री नाम के थे। पावरलेस। किसानों के भरोसे चुनाव जीतने का भ्रम पालने वालो ने चार साल तक गोबर खाद की जगह मिट्टी खरीदवाते रहे। किसानों के खरीदे गए वाहनों के आरटीओ में पंजीयन के लिए फिटनेस के लिए लूट मचा दी गई थी। ऐसे में जय सिंह जो बोल रहे है उसे भाजपा गंभीरता से ले,कांग्रेस के लिए जय सिंह अब जय चंद मान लिए जाएंगे।