छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के समान पुलिस महकमे के आला अधिकारियों ने ये उम्मीद नहीं की थी कि सत्ता परिवर्तन हो जाएगा और सारे किए कराए पर पानी फिर जाएगा। ऐसा हो गया और भाजपा के आते ही स्ट्रीम लाइन और लूप लाइन में रहने वालो की फेरहिस्त बनने लगी। स्ट्रीम लाइन में रहने वालो को बड़ी बेचैनी है कि उनका क्या होगा? हुक्का पानी बंद की चिंता टोपी के नीचे माथे पर पसीने के रूप में देखी जा सकती है।
कांग्रेस शासन में पुलिस विभाग के अनेक आला अफसरों ने संविधान की शपथ को ठेंगा दिखाकर कांग्रेस के एजेंट के रूप में खुलकर कार्य किया है। कोयला घोटाला हो या शराब घोटाला, चांवल घोटाला हो या डी एम एफ या फिर महादेव सट्टा एप घोटाला हो, आला अफसरों के नाम इनकम टैक्स और ईडी के चार्ज शीट में है पूर्व सीएम के मुख्यालय की सुपर सीएम जो एक साल से अधिक समय से जेल की रोटी तोड़ रही है,उसके कहने पर पुलिस के कुछ आला अधिकारी लोहे के कारोबारी, कोयले का उपयोग करने वाले उद्योगपतियो , जमीन के व्यापारियों, कबाडियो के वसूली सेठ बन गए थे। जिस विभाग या संभाग या जिले के में बने उसी मे कारोबार का रॉयल्स कंपनी खोल लिए।
स्वाभाविक रूप से कुछ एएसआई, एस आई, टीआई और प्रमोटी पुलिस अधिकारियों के बदौलत लक्ष्मी पुत्र भी हो गए है साथ ही पुराने सरकार की एजेंसी में गड़बड़ घोटाले के कारण घबराए हुए है। इनकी मंडली इस बात के बजाय कि नया डीजीपी कौन बने उससे ज्यादा कौन डीजीपी नही बने इसके लिए घेराबंदी किए हुए है। गौरतलब बात ये है कि लक्ष्मी पुत्रो की चल नहीं पा रही है। वे लोग डीजीपी बनाने के बजाय न बनाने वाले खेमे के है।उनको डर है कि भाजपा सरकार ने कोई ऐडा अफसर को डीजीपी बना दिया तो टुटेजा एंड संस कंपनी के बही खाते खुल जायेंगे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार फिलहाल सारा दारोमदार किसी तरीके से 31जनवरी 2024तक प्रमोशन फाइल को रूकवाने की है ताकि दौड़ में एक अधिकारी पिछड़ जाए। दूसरी तरफ सभी जानते है कि देश और प्रदेश के प्रधान मंत्री मुख्य मंत्री सहित दोनो गृह मंत्री भी जानते समझते है। बेहतर आदमी को बनाने के लिए सारे नियम बनाए जा सकते है। इसके लिए हो सकता है 31 तारीख का इंतजार भी न करना पड़े। 26जनवरी के पहले राज्य के गणतंत्र में नए डीजीपी मिल सकते है। ईश्वरो पर राज करने वाले तैयार रहे।