निकल गई हेकड़ी सौम्या चौरसिया की

सुप्रीम कोर्ट का भ्रष्ट्राचार के मामले में एक निर्णय है कि जिस शासकीय कर्मचारी पर अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है उसके घोषित आय (जो आयकर विभाग को दिया जाता है) से दस फीसदी आआय की छूट दी जाए क्योंकि सारे आय का हिसाब किताब रखना कठिन है।इसे ऐसे समझिए कि सौम्या चौरसिया की आय घोषित तौर पर 2 करोड 89 लाख रुपए होती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हिसाब से 20 लाख 8 हजार 900 रुपए की छूट मिलेगी। ई ओ डब्ल्यू विभाग न 1872 प्रतिशत अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का आठ हजार पन्नों का चालान विशेष अदालत में दाखिल कर दिया है।

इस चालान के हिसाब से भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यालय में “मेरी उपसचिव” सौम्या चौरसिया ने सरकारी नौकरी में अनुपातहीन भ्रष्ट्राचार किया।संरक्षण पाकर पद का दुरुपयोग किया।अपनी मां, भाई,पति सहित बेनामी रूप अचल संपत्ति खरीदी की। ज्ञात रूप से 50 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की । इसमें से 46.00 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति कुर्क कर ली गई है। अज्ञात रूप से करोड़ो रुपए का सोना, नगद, और विदेशी मुद्रा सहित दुबई में निवेश के मामले अभी सामने आना बाकी है। आमतौर पर कम उम्र और राज्य की लोक सेवा आयोग परीक्षा में प्रवीण्य आने वालों को डिप्टी कलेक्टर पद मिलता है और भविष्य में एक समय के बाद ये लोग प्रमोट होकर आई ए एस भी हो जाते है।

सौम्या चौरसिया भी ऐसी ही महिला थी।इनका आई ए एस प्रमोशन का लिफाफा बंद है (इसका खुलना मुश्किल है क्योंकि सौम्या चौरसिया के खिलाफ हर जांच एजेंसी ने चार्ज शीट दाखिल किया हुआ है।सजा मिलने की भी पूरी संभावना है। सरकारी नौकरी में सीनियरिटी और जूनियरिटी बहुत मायने रखती है।खास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में तो कैडर के आधार पर सम्मान परम्परा बहुत अधिक है। सौम्या चौरसिया, राज्य सेवा से चयनित हुई थी। मुख्य मंत्री कार्यालय में उप सचिव बनते ही सारी मर्यादा की सीमा लांघ दी। आई ए एस और आई पी एस अधिकारियों को नाम से बुलाना फितरत हो गई थी। साला, कमीना शब्द सामान्य था।

इस खेल में कुछ नामजद आई ए एस, आई पी एस भी शामिल थे जो खुद अपना ईमान बेच कर सौम्या चौरसिया की चाकरी कर रहे थे, तलुवे चाट रहे थे। दरबान बन कर शह देते थे। राज्य सेवा का एक डीएसपी अभिषेक माहेश्वरी तो भांड बनकर दलाली करता था। सौम्या चौरसिया,ने पेंशन पाने वाली मां, सीधे साधे पति और अवसर परस्त भाई सहित कई रिश्तेदारों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी। जांच एजेंसी को जितने दस्तावेज मिले है उसके आधार पर पचास करोड़ रुपए की अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है।

कोयला,शराब, राशन चांवल, डीएमएफ, घोटाले सहित सभी घोटाले में सौम्या चौरसिया को हिस्सेदारी मिलती थी। पांच हजार करोड़ का घोषित घोटाला उजागर हो चुका है। दस फीसदी भी हिस्सेदारी मान लिया जाए तो सौम्या को चौरसिया के हिस्से 250करोड़ रुपए आए है। खबर है कि बंगलुरू में अन्य व्यक्तियों के नाम पर फ्लैट खरीदे गए है।ढेबर परिवार ने दुबई में जो सोने की दुकान खोली है उसमें भारी निवेश किया गया है।नगद राशि के रूप में करोड़ो रुपए ठिकाने लगाए गए है।इनकी जांच जरूरी है ताकि सरकार के नशे में डकैती करने वाली सौम्या चौरसिया को सबक मिल सके।

Check Also

CG SIR: छत्तीसगढ़ में अब तक 54% से ज्यादा वोटर्स को गणना प्रपत्र वितरित, इस तरह खुद ऑनलाइन भर सकते हैं अपना फॉर्म

CG SIR Update: छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में SIR यानी मतदाता सूची के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *