प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया था। इससे पहले ही अयोध्या में पहुंचने के लिए हवाई जहाज और रेल की व्यवस्था केंद्र सरकार ने कर दी थी। अब करीब 10 महीने बाद पीएम मोदी रामसेतु तक पहुंचने की व्यवस्था भी करने जा रहे हैं। जी हां, पीएम मोदी जल्द ही नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन करने वाले हैं, जिससे आप भारतीय रेलवे में सवार होकर रामसेतु के दर्शनों के लिए पहुंच सकते हैं।
पुराने पंबन ब्रिज को करीब 22 महीने पहले बंद कर दिया गया था। अब पीएम मोदी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इससे मंडपम और रामेश्वरम के बीच 22 महीने बाद एक बार फिर से रेल सेवा शुरू हो जाएगी। अपने तमिलनाडु दौरे पर पीएम मोदी चेन्नई एयरपोर्ट और कई अन्य स्थानों पर कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।
2.05 किलोमीटर लंबा पुल
नया पंबन रेलवे ब्रिज बंगाल की खाड़ी में पाक जलसंधि (Palk Strait) पर बनाया गया है। यह रेलवे ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ता है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नया पंबन ब्रिज, देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री रेलवे ब्रिज है। यानी जब समुद्री जहाज को यहां से गुजरना हो, उस समय इस ब्रिज को ऊपर उठाया जा सकता है। यह ब्रिज हाई स्पीड ट्रेन के लिए भी तैयार है। 535 करोड़ की लागत से इस ब्रिज को रेल विकास निगम लिमिटेड ने बनाया है।
इस ब्रिज को पुराने पंबन ब्रिज से ऊंचा बनाया गया है। ताकि जिस तरह से एक समुद्री एक्सीडेंट में पुराने ब्रिज को नुकसान पहुंचा था, उस तरह से नए ब्रिज को नुकसान न पहुंचे। पुराने ब्रिज के नीचे 19 मीटर की जगह थी, जबकि नए ब्रिज को 22 मीटर ऊंचा बनाया गया है। कहा जा रहा है कि दक्षिण रेलवे ने इस नए पंबन ब्रिज पर ट्रायल रन सफलतापूर्वक कर लिया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार नए पंबन ब्रिज के सेफ्टी टेस्ट आने वाले समय में कर लिए जाएंगे। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी अपने तमिलनाडु दौरे पर 2 अक्टूबर को इस ब्रिज का उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
1914 में बना था पुराना पंबन पुल
बता दें कि रामेश्वरम को मेनलैंड से जोड़ने वाला पुराना पुल 1914 में बना था। साल 1988 में इसके समानांतर एक रोड ब्रिज बनाया गया। तब तक पंबन रेलवे ब्रिज ही एकलौता लिंक था, जो रामेश्वरम को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ता था। पुराने पंबन रेलवे ब्रिज पर जंक के कारण हुए नुकसान की वजह से इस पर ट्रेनों की आवाजाही दिसंबर 2022 में बंद कर दी गई थी। तब से ट्रेनें सिर्फ मंडपम तक ही ऑपरेट हो रही हैं।