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बलौदाबाजार हिंसा…देवेंद्र की ज्यूडिशियल रिमांड आज होगी खत्म:वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी, फिर बढ़ सकती है कांग्रेस विधायक की रिमांड

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की ज्यूडिशियल रिमांड आज खत्म हो रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी होगी। इससे पहले 7 अक्टूबर को पेशी के दौरान पुलिस ने 5 पूरक चालान पेश किया था। लेकिन इसमें देवेंद्र का चालान नहीं था।

देवेंद्र के वकील पुलिस पर चालान पेश करने का दबाव बना रहे हैं। बलौदाबाजार पुलिस ने अब तक चालान पेश नहीं किया है। चालान पेश करने में हो रही देरी पर देवेन्द्र यादव ने फिर आरोप लगाया है कि, जानबूझकर चालान पेश करने में देर की जा रही है। जिससे उनके खिलाफ आरोप गढ़े जा सके।

5 अक्टूबर को पूरे हो गए हैं 90 दिन
5 अक्टूबर को 90 दिन भी पूरे हो गए हैं। ऐसे में पुलिस को जल्द ही चालान पेश करना होगा। देवेंद्र के वकील ने सोमवार को हाईकोर्ट में भी उनके जमानत को लेकर याचिका लगाई है। इससे पहले 10 सितंबर और 17 सितंबर को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ख़ारिज की थी।

17 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी
देवेंद्र यादव की 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि, मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया।

देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप
विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी।

वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है।

3 मामलों की एक साथ चल रही जांच
देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित MMS मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था।

देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।

क्या है बलौदाबाजार हिंसा

  • 15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए।
  • 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे।
  • इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
  • प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

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