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पांच में से तीन गए बचे दो

भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में पांच आई ए एस अफसर चर्चित हुए थे।इनका काम एक ऐसा सिंडिकेट बनाना था जो सरकार को अवैध रूप से धन इकट्ठा करने में मदद करे।15साल सत्ता से बाहर रहने वाली कांग्रेस सरकार के सर्वेसर्वा का इकलौता उद्देश्य था 5 साल में 15साल के बराबर का अवैध धन जोड़ना। आश्चर्य की बात ये भी थी कि इन अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियो को नियंत्रित करने वाले लोग दो ही थे। पहली थ राज्य सेवा की बारह साल पुरानी डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया और दूसरा था सूर्यकांत तिवारी।

एक मुख्य सचिव, और तीन आई ए एस अफसर राज्य सेवा के बजाय व्यक्ति सेवा में ऐसे लगे थे कि ये भूल गए थे कि राज्य में आर्थिक गड़बड़ी के लिए केंद्र की जांच एजेंसी कभी भी घुस सकती है।पुलिस इंटीलिजेंस के भरोसे राज्य की सरकार हवाई जहाज और रेल यात्रियों सहित सड़क मार्ग से आने वाले और होटलों में रुकने वालो की निगरानी कर बेफिक्र होने वालो को पता ही नहीं चला और कोयला और शराब घोटाले में चार आई ए एस अफसर जद में आ गए।

इनमे से तीन अफसर गिरफ्तार किए जा चुके है।

1 समीर विश्नोई जी- 2009बैच के आई ए एस अफसर है।सूर्यकांत तिवारी के कहने पर कोयला परिवहन के टी पी(ट्रांसपोर्ट परमिट) की ऑन लाइन व्यवस्था को ऑफ लाइन व्यवस्था में बदल कर 25रूपये एक टन कोयला के परिवहन के लिए ऊपरी कमाई का रास्ता बनाने का षड्यंत्र किया। हिस्सेदार बने और अवैध कमाई से जमीन खरीदने का काम किया। 2करोड़ का सोना और 47लाख रुपए नगद मिले।7करोड़ की संपत्ति ईडी ने अटैच की है।अक्टूबर 2022से सेंट्रल जेल में बंदी है।

2- रानू साहू – 2010बैच की आई ए एस अधिकारी है। जब कोरबा जिले में भारी पैमाने पर कोयला परिवहन में 25रु टन वसूली हो रही थी तब घोटाले को व्यवस्थित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। हिस्से में आए पैसे से रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की जमीन गरियाबंद, महासमुंद और रायपुर जिले में खरीदी की। ईडी ने शमिलात 25करोड़ रूपये की संपत्ति अटैक की है। पिछले नौ महीने से सेंट्रल जेल महिला कारागार में बंद है

3 अनिल टुटेजा – 2003में राज्य सेवा से आई ए एस अवार्ड हुआ था। 2015में नान घोटाले में सुर्खियों में आए। 2019में पाला बदल कर कांग्रेस शासन में ताकतवर अधिकारी बने। हर मामले में पैसे बटोरने के लिए चर्चित हुए। शराब घोटाले में सूत्रधार। अभी तक 9करोड़ की संपत्ति ईडी ने अटैच की है। 21अप्रेल 2024को गिरफ्तार किए गए है।

4- विवेक ढांड – चौथे आई ए एस अफसर है। भाजपा और कांग्रेस शासन काल में मुख्य सचिव रहे। रैरा के चेयरमैन रहे। शराब घोटाले में नीति निर्धारक रहे जिसके चलते राज्य को दो हजार करोड़ रूपये का नुकसान हुआ। भाजपा शासन के आते ही नवाचार आयोग से बर्खास्त होने से पहले इस्तीफा दिया। शराब घोटाले में नाम है। एसीबी और ईओडबल्यू छापा मार चुकी है। गिरफ्तारी बाकी है।

5 निरंजन दास – 2003बैच का राज्य सेवा से प्रमोट होकर आई ए एस बने। कांग्रेस सरकार में नान और आबकारी में एम डी बने। एक तरफ राशन के चांवल का राशन दुकान में पुराना स्टॉक होने के बावजूद खाद्य संचालनालय के अधिकारियो से मिलकर फर्जी कोटा जारी करवाया और फर्जी परिवहन कर 600करोड़ का घोटाला करवाया। शराब में 2000करोड़ के घोटाले के लिए आबकारी अधिकारियो का कार्टेल बनाकर समांतर वितरण कर अरबों रूपये कमाए। कांग्रेस की कृपा से संविदा नियुक्ति मिली लेकिन ईडी के चलते फरार है। ये तो आई ए एस अफसरों की छोटी सी सूची है जिन्हे सौम्या चौरसिया आदेश देती थी सौम्या चौरसिया भी पिछले सोलह महीने से महिला कारागार में बंद है। ईडी ने 22करोड़ रुपए की संपत्ति अटैक की है।

Shelf विभाग के चारो बचे हुए है, बहुत नाइंसाफी है
दूसरा तबका आई पी एस पुलिस अधिकारियो का है जिसमे दीपांशु काबरा,आनंद छाबड़ा, शेख आरिफ और प्रशांत अग्रवाल का नाम है। इन सभी का नाम महादेव सट्टा सहित परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी के लिए चर्चित है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पास लगातार शिकायते जा रही है। जल्दी ही बड़ी कार्यवाही की आशंका। अभिषेक माहेश्वरी राज्य पुलिस सेवा का अधिकारी, कबाडियो, रेत माफिया सहित अपराधियो से सांठ गांठ के लिए कुख्यात। अभी पिक्चर बहुत बाकी है

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