रायपुर: 2020 से 2024 भारतमाला परियोजना रायपुर-विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरीडोर के भू-अर्जन प्रकरण में गड़बड़ी की शिकायत मिली. जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा अर्जित भूमि को फिर से शासन को विक्रय कर दिया गया. मुआवजा देने के साथ ही भू स्वामी के बदले किसी अन्य को मुआवजा देने और निजी भूमि के गलत मुआवजा दिए जाने की बात सामने आई. मामले में EOW ACB ने बुधवार को जल संसाधन विभाग के 2 कर्मचारी सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ EOW ACB ने धारा-7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के साथ ही धारा-467, 468, 471, 420, 120 बी के तहत कार्रवाई की.
भारतमाला परियोजना में मुआवजा राशि का घोटाला: पकड़े गए आरोपियों के द्वारा जमीन के टुकड़े कर उपखण्डों में विभाजित कर दिया गया. धोखाधड़ी कर मुआवजा राशि हड़प कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया. छल करते हुए धोखाधड़ी कर करोड़ों रूपये की हानि सरकार को कराई गई. सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. लोक सेवक गण मुआवजा प्राप्त करने वाले व्यक्ति एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा आपराधिक षडयंत्र कर सरकार को नुकसान पहुंचाने की ये पूरी शिकायत थी.
जल संसाधन विभाग: EOW और ACB की जांच में साक्ष्य सही पाए जाने पर जल संसाधन विभाग में अमीन के पद पर पदस्थ कर्मचारी गोपाल राम वर्मा (रिटायर्ड) और नरेन्द्र कुमार नायक के साथ ही 4 अन्य खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू एवं कुंदन बघेल को गिरफ्तार किया गया. जल संसाधन विभाग के 2 अधिकारियों के द्वारा पूर्व में अधिग्रहित की गई भूमि के बारे में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था. फरार चल रहे 4 अन्य व्यक्तियों के द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन (बटांकन) प्रकिया एवं अन्य राजस्व प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया गया था. किसानों से उसके एवज में भारी मात्रा में कमीशन लिया गया था.
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