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नागौर लोकसभा चुनाव, कांग्रेस में भगदड़, 400 पदाधिकारियों ने एक साथ छोड़ी पार्टी, जानें वजह

नागौर. राजस्थान की बहुचर्चित नागौर लोकसभा सीट के लिए चुनावी दंगल तेज हो गया है. यहां कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां हाल ही में विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल के सामने खींवसर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले तेजपाल मिर्धा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी है. इन्होंने सामूहिक रूप से त्याग-पत्र दे दिया है. यह नागौर की सियासत में बड़ा राजनीतिक धमाका माना जा रहा है.

तेजपाल मिर्धा के आह्वान पर कुचेरा नगर पालिका के 21 पार्षदों, 8 पूर्व पार्षद और 7 पचांयत समिति सदस्यों ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. इसके साथ ही करीब 400 छोटे-मोटे पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है. इनमें एक ब्लॉक अध्यक्ष, 10 उपाध्यक्ष, 24 महासचिव, 22 सचिव, 12 सहसचिव, 30 कार्यकारणी सदस्य, 264 बूथ अध्यक्ष, 01 एनएसयूआई, 01 यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष शामिल हैं. इन सभी ने तेजपाल मिर्धा को कांग्रेस से निष्कासित किए जाने से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ी है.

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
एक साथ बड़ी संख्या में पदाधिकारियों द्वारा त्यागपत्र दे दिए जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. विशेषकर खींवसर में कांग्रेस के लिए यह बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. क्योंकि ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर तक के कई पदाधिकारियों ने कांग्रेस छोड़ दी है.

मतीरों का भारा कहने के बाद बदला घटनाक्रम
दरअसल पिछले सप्ताह जायल क्षेत्र में भाषण के दौरान इंडी गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने गठबंधन को मतीरों का भारा (टोकरा) कहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के चार पांच नेता ऐसे हैं जो बीजेपी का दुपट्टा पहनकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बेनीवाल ने कहा था कि वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी रंधावा को भी इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन फिर भी उनको कांग्रेस से बाहर नहीं निकाला जा रहा.

कांग्रेस ने तीन नेताओं को निष्कासित कर दिया था
बेनीवाल के इसी बयान के बाद दूसरे ही दिन प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने हनुमान बेनीवाल के सामने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले तेजपाल मिर्धा सहित कांग्रेस के तीन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. उसके बाद से नागौर में सियासी घटनाक्रम बदल गए थे. कांग्रेस ने यह सीट गठबंधन के तहत आरएलपी के लिए छोड़ी है। उसके बाद आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल यहां से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं। वहीं उनके सामने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा भाजपा की प्रत्याशी है.

तेजपाल मिर्धा ने किया खुला ऐलान
कुचेरा नगर पालिका के चैयरमेन तेजपाल मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल के सामने खींवसर से चुनाव लड़ा था. कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले तेजपाल मिर्धा हनुमान बेनीवाल से गठबंधन करने के खिलाफ थे. गठबंधन होने के बाद वो बेनीवाल के साथ प्रचार में भी नहीं जा रहे थे. लेकिन खुद कांग्रेस ने ही जब तेजपाल मिर्धा को निष्कासित कर दिया तो अब तेजपाल मिर्धा खुलकर मैदान में आ गये और कहा है कि वे उसके साथ रहेंगे जो हनुमान बेनीवाल को हराएगा.

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