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कहां से खरीदे चांवल ? विधायको ने पूछा विधानसभा में

खाद्य विभाग के एक आला अधिकारी के खिलाफ विधानसभा में निलंबन की घोषणा मानसून सत्र में होना तय माना जा रहा है। विधानसभा के सूत्रों के अनुसार भाजपा के पांच विधायकों ने प्रश्नों के माध्यम से जानकारी मांगी है । कांग्रेस शासनकाल में 600करोड़ के राशन चांवल घोटाले को दबाने के लिए खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी ने बाजार से घटिया चांवल खरीदवा कर रखवाया है।

मानसून सत्र में भाजपा के विधायकों ने कांग्रेस शासनकाल राशन घोटाले को जनता के सामने लाने का फैसला लिया है। वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष डा रमन सिंह के पूर्व मुख्यमंत्री काल में छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016को प्रभावशील किया था।इस आदेश में राशन दुकानों में चांवल भंडारण हेतु केवल और केवल नागरिक आपूर्ति निगम को अधिकृत किया गया है। नान सरकारी धान का कुटाई कर गुणवत्तायुक्त चांवल जमा करता है। इस चांवल के अलावा राशन दुकानदार किसी अन्य एजेंसी से चांवल नहीं खरीद सकते है।

कांग्रेस शासनकाल में 48लाख मीट्रिक टन चांवल की हेरा फेरी खाद्य संचालनालय के पूर्व अपर संचालक के देख रेख में हुआ है। इस अधिकारी को कांग्रेस शासनकाल के भ्रष्ट अधिकारी अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया का संरक्षण प्राप्त था। विधान सभा में डॉ रमन सिंह के तारांकित प्रश्न के चलते तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत घिर गए थे। आश्वाशन देने के बाद भी जानकारी विधान सभा में नहीं रखा।

सरकार बदली तो पूर्व विधान सभा अध्यक्ष धर्म लाल कौशिक ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 58 लगाया और बहु चर्चित घोटाले के जांच के लिए विधान सभा जांच समिति गठित कर दी गई है।
इस समिति का ध्यान भटकाने के लिए खाद्य संचालनालय के पूर्व अपर संचालक ने जूम कांफ्रेंस किया। राशन दुकानदारो को घोटाला किए गए चांवल की कमी को पूरा करने के लिए बाजार से चांवल खरीद कर रखवाने का आदेश दिया। बताया जाता है कि कुछ राशन दुकानदारो ने घटिया किस्म का चांवल खरीदा जो खाने योग्य नहीं था और मुर्गी दाना को खरीद कर राशन के चांवल में मिलाकर बेचा है।

खाद्य सूत्रों का ये भी कहना है घोटाले की भरपाई करने के लिए खाना पूर्ति की गई है। बाजार से चांवल खरीदे जाने का कोई बिल राशन दुकान दारो के पास नहीं है।न ही खरीदे गए चांवल की गुणवत्ता की जांच की गई है। ऐसे चांवल का विभाग के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन भी नहीं किया गया है।इसका कोई रिपोर्ट विभाग के पास नहीं है। विभागीय माड्यूल में खुले बाजार से चांवल की प्रतिपूर्ति और किस्म (सामान्य और फोर्टीफाइड) का उल्लेख कर फंस चुका है।
मानसून सत्र में बाजार से खरीद कर चांवल जमा करने का मामला मानसून सत्र में उठेगा और एक अधिकारी के खिलाफ निलंबन की घोषणा होना तय माना जा रहा है

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