झारखंड सरकार ने राज्य की ‘न्यू स्टार्टअप पॉलिसी’ के अंतर्गत ‘स्टार्टअप आइडियाज’ आमंत्रित किए हैं। आवेदक इसके लिए विशेष तौर पर विकसित की गई वेबसाइट पर लॉगिन कर सरकार के समक्ष स्टार्टअप के प्रस्ताव ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। साल 2028 तक राज्य में कम से कम 1000 स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुरानी स्टार्टअप पॉलिसी 2016 को रद्द करते हुए 7 दिसंबर 2023 को नई पॉलिसी (नई झारखंड स्टार्टअप नीति 2023) को स्वीकृति दी है।
राज्य में नई झारखंड स्टार्टअप नीति 2023 लागू है, जिसके सफल संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब (एबीआईएल) का गठन कंपनीज एक्ट 2013 के तहत सेक्शन 08 के रूप में किया गया है। इस एजेंसी का कार्य राज्य में स्टार्टअप का चयन करना,स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना तथा पॉलिसी में प्रावधानित फिस्कल एवं नॉन फिस्कल इंसेंटिव्स का कॉमन इंसेंटिव डिसबर्समेंट गाइडलाइन के तहत क्रियान्वयन करना है।
राज्य में नई झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 के अंतर्गत http:// abvil.jharkhand.gov.in पोर्टल के माध्यम से 4 फरवरी 2025 से प्रारंभ कर दिया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से आवेदक अपने आइडिया दे सकेंगे। साल 2028 तक राज्य में कम से कम एक हजार स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुरानी स्टार्टअप पॉलिसी 2016 को रद्द करते हुए 7 दिसंबर 2023 को नई पॉलिसी (नई झारखंड स्टार्टअप नीति 2023) को स्वीकृति दी है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद सूचना तकनीक एवं ई-गवर्नेंस विभाग ने इसे अधिसूचित कर दिया है। इसी के साथ 2016 में लागू नीति रद्द कर दी गई है। नई स्टार्टअप पॉलिसी अगले पांच साल के लिए लागू की गई है। इस दौरान (साल 2028 तक) राज्य में कम से कम एक हजार स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवधि तक राज्य में अनुकूल इकोसिस्टम तैयार कर अग्रणी 10 राज्यों में झारखंड को सम्मिलित करने की रणनीति बनाई जा रही है।
स्वीकृत किए जाने वाले स्टार्टअप आइडियाज के प्रोजेक्ट को सिंगल विंडो क्लीयरेंस दिया जाएगा। हाल में राज्य में उद्यमियों और व्यवसायियों की अग्रणी संस्था फेडरेशन ऑफ चौंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य में स्टार्टअप पॉलिसी को जमीन पर उतारने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की थी।
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