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अनिल टुटेजा के खिलाफ चार्जशीट में पुलिस, पर्यावरण, आबकारी, खाद्य, खनिज विभाग में घोटालों का उल्लेख

कांग्रेस शासन में घोटालों के आर्किटेक्चर कहलाने वाले अनिल टुटेजा के खिलाफ ईडी ने स्पेशल कोर्ट में 5749 पन्नों का चार्ज शीट पेश कर दिया है. इसमें 220 पेज का अभियोजन परिवाद है। ईडी ने अनिल टुटेजा की 205 करोड़ रूपये की चल अचल संपत्ति को अटैच करने का ब्यौरा भी सौपा है।

चार्जशीट में ईडी ने अनिल टुटेजा के द्वारा आबकारी, पर्यावरण, खाद्य, खनिज और पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो के साथ व्हाट्सएप चैट को रिकवर कर साक्ष्य के रूप में लगाया गया है। कोर्ट परिसर से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग के कई डीजीपी, आबकारी विभाग के आयुक्त, महाप्रबंधक सहित कई जिलों के आबकारी अधिकारी, पर्यावरण विभाग के महाप्रबंधक सहित नान, मार्कफेड और खाद्य विभाग के प्रबंध संचालक, अपर संचालक के साथ पैसे के लेनदेन का उल्लेख है।

अनिल टुटेजा, मुख्य मंत्री कार्यालय में इसी शर्त पर रखे गए कि जितने कमाऊ विभाग है उनसे वसूली करेंगे। पूरे पांच साल अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर,त्रिपाठी,सौम्या चौरसिया, आरिफ शेख, दीपांशु काबरा,अभिषेक माहेश्वरी, मनोज सोनी, राजीब जायसवाल के साथ विभागो के नीतियों को प्रभावित कर पैसा वसूली करते रहे।

2015 में नान घोटाले के मुख्य आरोपी में अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला प्रमुख थे। दोनो को पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने निलंबित कर दिया था। कांग्रेस शासन में अनिल टुटेजा सबसे बेहतर व्यक्ति थे जो अपने बचने के लिए सारे समझौते करने के लिए तत्पर थे। पूर्व शासकों को ऐसे ही व्यक्ति की जरूरत थी। अनिल टुटेजा ने 2015 में नान और खाद्य विभाग के अधिकारियो के साथ राइस मिलों से घटिया चांवल लेकर क्विंटल पीछे सात से आठ रुपए कमीशन लिया था। इसमें बहुत सारे जिलों के जिला प्रबंधक आज तक कचहरी का चक्कर लगा रहे है। एक जिला प्रबंधक छत्तीसगढ़ छोड़ कर कर्नाटक में अज्ञातवास भुगत रहा है। इसे कांकेर से उठाकर ले आया गया था।

इस बार अनिल टुटेजा ने मार्कफेड में मनोज सोनी, नान में निरंजन दास और फूड में राजीब जायसवाल को अपने चंडाल चौकड़ी में शामिल किया।तीनों अधिकारियो ने नान,मार्कफेड और फूड में मनमाने काम किए। नान में tio एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा था। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल को नान का हेड बना दिया गया। मार्कफेड में पांच साल तक अध्यक्ष इसलिए नहीं बनाया गया ताकि मार्कफेड पर एकाधिकार रहे। फूड में कमजोर आइएएस संचालक बनाए गए। अनिल टुटेजा के विश्वस्त अधिकारी द्वारा अरबों का घोटाला किया गया है। इन सभी बातों का उल्लेख ईडी के चार्ज शीट में है। ईडी ने जांच कार्य पूर्ण होने पर पूरक चालान पेश करने की भी बात कही है।

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