CG Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल द्वारा दायर याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर केंद्रीय एजेंसी से जवाब मांगा है. चैतन्य बघेल ने राज्य के शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी के आधार को चुनौती दी है.
चैतन्य बघेल के वकील कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बैंच में बताया कि ईडी ने पूछताछ के लिए समन नहीं दिया. चैतन्य को इस आधार पर गिरफ्तार किया कि उसने जांच में सहयोग नहीं किया. जबकि इस आधार पर गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है. इसके बावजूद चैतन्य को गिरफ्तार किया गया.
वहीं, ईडी की तरफ से ASG राजू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें जांच पूरी करने के लिए 3 महीने का समय दिया है. जिसकी जांच ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों द्वारा की जा रही है. यह 3200 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़ा मामला है. जो 2019 से 2022 के बीच सरकार के खजाने से किया गया. चैतन्य बघेल के वकील ने गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने और PMLA कानून को चैलेंज करने की लगाई दो अलग अलग याचिकाएं लगाई थी.
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को लेकर वैध ठहराया
ED ने चैतन्य पर शेल कंपनियों और रियल एस्टेट में मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया था. जो करीब 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. चैतन्य की गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 17 अक्टूबर को वैध ठहराया था. जिसके बाद चैतन्य के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी को लेकर चुनौती दी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा है.
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