Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में हल्की-हल्की सर्दी पड़नी अब शुरू हो चुकी है. रातें ठंडी होती हैं तो दिन में हल्की धूप. हालांकि सुबह आसमान में धुंध ने चिंता बढ़ा दी है. चिंता इसलिए, क्योंकि यही धुंध दिल्ली की आबोहवा में जहर घोलती है और लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है. बीते दो दिन से दिल्ली का AQI बढ़ा है. मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 211 था, जो एक दिन में 27 पॉइंट बढ़कर 228 पहुंच गया. ये ‘खराब’ श्रेणी में आता है. दिल्ली में जिस तरह से धुंध की चादर आसमान में पैर पसार रही है, उसको देखते हुए यह लग रहा है कि अभी स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
दरअसल, आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के और बढ़ने का अनुमान है. बुधवार 15 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे दिल्ली का AQI 201 दर्ज किया गया था, लेकिन दोपहर तक ये बढ़कर 238 पहुंच गया. वहीं नोएडा की हवा तो अभी से जहरीली हो गई है. वजह, यहां का AQI 324 दर्ज किया गया. ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. सुबह से पूरे नोएडा में धुंध छाई हुई है. इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि जो हवा की इंटेंसिटी है, उसकी स्पीड बेहद कम हो गई है. इसके चलते विजिविलिटी कम हुई है और AQI बढ़ रहा है.
दिल्ली-NCR में कहां कितना दर्ज किया गया AQI?
बुधवार दोहपर दो बजे तक के AQI की बात करें तो नोएडा में AQI 324, गाजियाबाद में 268, गुरुग्राम में 268, ग्रेटर नोएडा में 267, दिल्ली में 238, कैथल में 237, बल्लभगढ़ में 219, हनुमानगढ़ में 211, हापुड़ में 206, भिवंड़ी में 204, वजीरपुर में 296, मथुरा रोड पर 294, जहांगीरपुरी में 258, शादीपुर में 232, सिरी फोर्ट में 223, मुंडका में 210, नरेला में 209, रोहिणी में 217, अलीपुर में 207, पंजाबी बाग में 225, विवेक विहार में 217, बुराड़ी में 198, नेहरू नगर में 185, आरके पुरम में 212, IGI एयरपोर्ट पर 222 AQI दर्ज किया गया.
दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते NCR में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-1) के चरण-1 को लागू कर दिया है.
दिल्ली में लागू की गईं GRAP-1 की पाबंदियां
- कन्स्ट्रक्शन साइट पर धूल उड़ने से रोकने के उपाय होने चाहिए. यानी स्मॉग गन होना चाहिए.
- 500 SQM से ऊपर भी नई कन्स्ट्रक्शन साइट को अनुमति नहीं दी जाए.
- सड़कों की मशीन से सफाई की जाए.
- खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध.
- गाड़ियों में PUC मेंडेटरी को सख्ती से लागू की जाए.
- सड़क पर जाम न लगे, इसके लिए अधिक से अधिक ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाए.
- स्मॉग गन का ज्यादा के ज्यादा इस्तेमाल किया जाए.
- डॉक्टर की सलाह पर दें ध्यान
- वहीं डॉक्टर्स लोगों को सलाह दे रहे हैं कि बेवजह लोग घर से बाहर न निकलें. खासतौर से जो बुजुर्ग और बच्चे हैं, वो मास्क का इस्तेमाल करें, क्योंकि अस्थमेथिक पसेंट को काफी दिक्कतें होती हैं और जो हार्ट के पेसेंट हैं, उन्हें भी काफी ज्यादा समस्याएं होती हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है. दिल्ली अक्टूबर से फरवरी के बीच वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से जूझती है. इस दौरान AQI गंभीर श्रेणी तक पहुंच जाता है.
17 अक्टूबर तक अभी छाई रहेगी धुंध!
निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में कुल प्रदूषण का सबसे बड़ा हिस्सा परिवहन क्षेत्र से होता है, जो प्रदूषण फैलाने में करीब 19.8 प्रतिशत योगदान देता है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, शुक्रवार यानी 17 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रहने की आशंका है.
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