छत्तीसगढ़ में पीने और पिलाने वालों को यहां की दुकानों में केवल पप्पू का सींबा बियर ही उपलब्ध हो रहा है। वैसे तो यह ब्रांड कांग्रेस शासन में भी काफी नाम कमाया। शराब घोटालें के किरदारों ने इसे लेकर बड़े खेल किए।
उस समय भी कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल के माध्यम से यह ब्रांड दुकानों में घुसा। अब की बार भाजपा कोषाध्यक्ष राम गर्ग को ले आए हैं। अब इसे लेकर यह कहा जा रहा है कि इससे मिलने वाले फंड को इधर-उधर कर फिर से पुराने कोषाध्यक्ष के ढर्रे पर चलने की कोशिश हो रही है।
मामला सामने आने के बाद भाजपा पदाधिकारियों की त्याेरियां चढ़ गई है। रामू अपने काम के प्रति इमानदार है। हों भी क्यों न उन्हे सत्ताधारी पार्टी में कोष की रक्षा और उसे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। यहां पर पदाधिकारी इसलिए नाराज है कि शराब के पैसे से कोष को भरने से अच्छा है कुछ और किया जाता। इधर शासन के नुमांइदें भी इसे लेकर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। हर दुकाने में इसकी जितनी पेटियां बीक रह है उससे सेल्समैन से लेकर अन्य लोगों को कमाई हो रही है।
रामू भी अपने पद की रक्षा के लिए करोड़ों का पेश्गी दे रहे हैं।
यहां एक बात बता दें की एक राम ने अपने काम से अपने ही सरकार को दफन किया। अब दूसरे राम ने भी वही रास्ता चुना है। अंत कहीं पहले जैसा न हो इस बात से पार्टी पदाधिकारी डर रहे हैं। अब पूरा मामला राम के पुराने दोस्त के पास पहुंचा, तो उन्होंने मामले पर ध्यान नही दिया।
कहने लगे की लखन को बता दे वे इसे संभालेंगे;यहां पर यह बता दें कि शासन ने शराब से कमाई करने हर तरह के काम किए हैं; लायसेंस से लेकर दुकानों की संख्या भी बढ़ाई गई है; फिर भी अब बिहार चुनाव के फंड भी जारी करना है उसी की तैयारी में पप्पू का साथ ले लिया; अब देखना है की सींबा आने वाले साल में क्या गुल खिलाता है;
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