Triple E Mosquito Virus: लगता है दुनिया और वायरस के बीच चोली-दामन साथ वाला मामला हो गया है। एक वायरल से लोग राहत नहीं पाते हैं कि दूसरा वायरस अपना प्रकोप दिखाने के लिए तैयार हो जाता है। Corona, Monkeypox और Chandipura के बाद दुनिया में एक और वायरस कहर मचाने के तौयार है। इस वायरस का नाम ट्रिपल ई वायरस दिया गया है। अमेरिका में ट्रिपल ई वायरस के संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। घटना न्यू हैंपशायर की है। अमेरिका में इस साल ट्रिपल ई वायरस के संक्रमण का यह पांचवां मामला है।
यह वायरस है तो 86 साल पुराना लेकिन इसकी वजह से मरने या बीमार होने के मामले दुर्लभ ही होते हैं। इससे संक्रमण के चांस कम हैं लेकिन ये जानलेवा है. आइए जानते हैं इस वायरस के लक्षण और कितना खतरनाक है।
EEEV यानी ईस्टर्न एक्विन इंसेफलाइटिस वायरस को लोग ट्रिपल ई के नाम से भी बुलाते हैं। 1938 में खोजे गए इस वायरस का संक्रमण बेहद दुर्लभ लेकिन खतरनाक है। तब से लेकर अब तक न्यू हैंपशायर में 118 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसकी वजह से अब तक 64 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इंसानों में यह वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करता है।
यह वायरस पहली बार उत्तरी अमेरिका और कैरिबियन में मिला था। अमेरिका में ये सबसे पहले पूर्वी और खाड़ी के तटीय राज्यों के लोगों में मिला था। येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट वेरिटी हिल ने कहा कि यह कई तरह की पक्षियों की प्रजाति से मच्छरों में होते हुए इंसानों तक पहुंचता है। इस वायरस को आमतौर पर ब्लैक-टेल्ड मॉसक्वीटो लेकर घूमता है। ज्यादातर पूर्वी अमेरिका, मेक्सिको और कैरिबियन में ही इसके मामले सामने आते हैं।
ट्रिपल ई वायरस से संक्रमित होने वाले इंसान में बुखार, सिरदर्द, उलटी आना, डायरिया, सीजर अटैक, व्यवहार में बदलाव, थकान, नींद लगे रहना, फोकस बिगड़ना होता है। गंभीर अवस्था में दिमाग सूज जाता है। इसे इंसेफलाइटिस कहते हैं। इसका पता करने के लिए लक्षणों को देखा जाता है। या फिर रीढ़ की हड्डी में मौजूद मैरो और खून की जांच की जाती है।
अमेरिका में इस साल अब तक 5 केस आ चुके हैं। मैसाच्युसेट्स, न्यूजर्सी, वरमॉन्ट, विसकॉन्सिन और न्यू हैंपशायर में। मैसाच्युसेट्स के ऑक्सफोर्ड में साल 2020 के बाद पहली बार 80 साल का एक व्यक्ति इससे इस साल पहली बार संक्रमित हुआ। इस साल अब तक सिर्फ एक ही मौत हुई है।
ट्रिपल ई वायरस इंसानों को कम ही होता है। 2003 से 2023 तक अमेरिका में 196 केस सामने आए हैं। हर साल करीब 11 केस सामने आते हैं। इस वायरस का सबसे खतरनाक संक्रमण 2019 में फैला था, तब 38 केस सामने आए थे। इससे 12 लोगों की मौत हुई थी।