तीन राज्य के मुख्य मंत्री- उप मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष,फिर मंत्री के बाद मिलेगा विभाग भाजपा को तीन राज्य छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहुमत मिलने के बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए निर्णय लिए जा रहे है। मध्य प्रदेश पहले से ही भाजपा के पास थी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 5 साल बाद वापसी हुई है और बिना मुख्यमंत्रियों के चेहरे के भाजपा बहुमत ने आई है। नए नए फार्मूले सामने आ रहे है जिसकी शुरुवात पहले कभी नहीं हुई थी।
चुनाव परिणाम आए 23दिन हो रहे है। मुख्य मंत्री, विधान सभा अध्यक्ष सहित दो राज्य छत्तीसगढ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के सदस्य शपथ ले चुके है लेकिन विभाग बंटा नहीं है। अगर थोड़ा सा पीछे चले तो ये समझने में आसानी हो जायेगी कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व किस समीकरण को लेकर बढ़ रहा है। ये सभी जान रहे थे कि तीनों राज्यों में मुख्य मंत्री के रूप में कोई चेहरा नहीं था। नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रख कर चुनाव लडा गया और जीत हासिल हुई।
अब पार्टी के अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा का बोध सामने है। पहले मुख्य मंत्री बारी बारी छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान के घोषित किए गए।उप मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का चयन किया गया।इसके बाद मंत्रियों की टीम बनाई गई। अब भी तीनों राज्यों का क्रम जारी है। मेरा आंकलन है कि शीघ्र ही राजस्थान का मंत्रिमंडल घोषित किया जायेगा इसके बाद या तो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के क्रम से मंत्रियों के विभाग बांटे जाएंगे या फिर एक साथ भी तीनों राज्यों के मंत्रियों को विभाग आबंटित कर दिया जायेगा।
इस रणनीति के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रख देश के मतदाताओं सहित दीगर पार्टियों के समक्ष पार्टी की कार्य नीति और रूपरेखा को दिखाना है।इन बातो में पार्टी के अनुशासन का भी बड़ा महत्व दिख रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले राज्य के मुख्य मंत्री, और कद्दावर नेता दबाव की राजनीति कर मनचाहा विभाग पा लेते थे लेकिन 2018से भाजपा के प्रयोग हतप्रभ करने वाले है। ऐसा भी माना जा रहा है कि अगला लोकसभा चुनाव भृष्टाचार के मुद्दे को लेकर लडा जाना है इस कारण मंत्रियों के चुनाव में सतर्कता बरती गई है।
ये भी संकेत मिल रहे है कि मंत्रियों के ऊपर संघ की कड़ी निगरानी रहेगी।पिछली बार केंद्रीय नेतृत्व ने सगे संबंधियों को निज सहायक बनाने पर रोक लगा कर परिवारवाद को तोड़ने की पहल कर दी थी। ये परंपरा जारी रहने के सारे कयावद हो रहे है। अब कौन सा विभाग लूंगा की जगह कौन सा विभाग मिलेगा ये देखने लायक बात होगी. एक अंदेशा और भी है।भाजपा, हिंदुत्व पर विश्वास करने वाली पार्टी है। ग्रह नक्षत्र देख कर भी काम होता है ।वर्तमान में खर मास चल रहा है जिसका अंत मकर संक्रांति के दिन होना है। यदि इस पर विश्वास करे तो इंतजार अगले साल तक करना पड़ सकता है कि किस विभाग का मंत्री कौन बन रहा है