कोलकाता: पश्चिम बंगाल में स्कूल सर्विस कमिशन के शिक्षक भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 हजार से अधिक नौकरियों को रद्द करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है. साल 2016 में जिन लोगों को नौकरियां मिला थीं, कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया है. इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने इन लोगों को 4 हफ्तों में वेतन वापस करने का आदेश दिया है.
शिक्षक भर्ती घोटाले पर कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक की बेंच ने यह फैसला सुनाया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई पश्चिम बंगाल के विद्यालयों में भर्तियों में 2016 में हुई विसंगतियों की जांच करेगी. यहां बताना जरूरी है कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित टीएमसी के अन्य नेता, विधायक और शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी जेल में हैं.
हालांकि, अब बंगाल सरकार का कहना है कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. उल्लेखनीय है कि 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक अभ्यथिर्यों ने 2016 एसएलएसटी परीक्षा दी थी. कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली (जो अब भाजपा के नेता हैं और तमलूक से भाजपा के उम्मीदवार भी) ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंपा थी और पार्थ चटर्जी को भी सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश सुनाया था, जिसके बाद पार्थ चटर्जी की गिरफ़्तारी हुई थी. अभी तक इस मामले में 5000 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, जिन्होंने गलत तरीके से नौकरी पाई थी.