गरियाबंद। जिले के गजपल्ला वाटरफॉल में रायपुर की 19 वर्षीय युवती महविश खान के डूबने की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। महविश अपने 6 दोस्तों के साथ मंगलवार को गजपल्ला झरने की सैर पर आई थी, लेकिन यह सैर एक भयावह हादसे में बदल गई। दोपहर लगभग 2 से 3 बजे के बीच महविश खान झरने में नहाते हुए गहरे पानी में चली गई और डूब गई। हादसे के बाद वहां मौजूद दोस्तों ने तुरंत पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सूचना दी।
रेस्क्यू ऑपरेशन 4 घंटे चला, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली
पांडुका थाना पुलिस, वन विभाग और एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और करीब 4 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन महविश का कोई सुराग नहीं मिल सका। झरने की गहराई 20 फीट से अधिक है और उसके अंदर चट्टानों के खोल (अंडरकट) हैं, जिनमें फंसने की आशंका जताई जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी रेस्क्यू में मदद की और बताया कि गजपल्ला वाटरफॉल के नीचे का हिस्सा बेहद खतरनाक और गहराई वाला है। कई बार लोग फिसलकर नीचे बने खोह में फंस जाते हैं, जिससे उनका बाहर आना मुश्किल हो जाता है।
अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू टीम को बिना सफलता के लौटना पड़ा। अब बुधवार सुबह दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। इस बीच, घटना स्थल पर मौजूद दोस्तों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे लगातार महविश को आवाज़ दे रहे थे और हादसे के बाद से सदमे में हैं।
वन एसडीओ मनोज चंद्राकर ने बताया कि गजपल्ला वाटरफॉल पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां कोई सुरक्षा व्यवस्था या गाइडलाइन नहीं है। जंगल के भीतर होने के कारण यहां तक पहुंचने के कई वैकल्पिक रास्ते हैं, जिनमें से कुछ पर रोक लगाई गई है, लेकिन लोग अन्य रास्तों से पहुंच जाते हैं।
वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता
सोशल मीडिया पर गजपल्ला और आसपास के क्षेत्र से जुड़े खतरनाक स्टंट के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ युवकों और नाबालिगों को 70-80 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते देखा गया है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में लगातार जोखिम क्यों उठाया जा रहा है और प्रशासन इसे रोकने में अब तक असफल क्यों रहा है।
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