PM Modi in Maldives: ब्रिटेन के दौरे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) मालदीव के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं, जहां राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने भारत के प्रधानमंत्री को गले लगाया और जोरदार स्वागत किया. ये वही मोइज्जू हैं जो दो साल पहले चुनाव अभियान के दौरान ‘इंडिया आउट’ के नारे लगा रहे थे, लेकिन अब भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने में जुटे हैं. मोइज्जू के रवैये में ये बदलाव अचानक ही नहीं आया है. मोइज्जू और मालदीव को दो सालों मे ही समझ आ गया कि उनके लिए भारत की अहमियत क्या है.
मोइज्जू कैबिनेट स्वागत में उतरी
पीएम मोदी के स्वागत के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ मालदीव के तमाम वरिष्ठ मंत्री पहुंचे थे. चीन के हिमायती मोइज्जू को महज दो सालों में न केवल भारत को लेकर अपने बदले नजरिए पर दोबारा विचार करना पड़ा, बल्कि भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में कदम भी बढ़ाने बढ़े. दरअसल, मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी और भारतीय कंपनियों के मुद्दे को चुनाव में मोइज्जू ने खूब उछाला था.
लक्षद्वीप की एक तस्वीर मोइज्जू को समझाने के लिए काफी थी
मोइज्जू के इस रवैये को लेकर भारत में भी नाराजगी देखने को मिली थी और लोगों ने इस टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बॉयकॉट की बातें भी शुरू कर दी थी. इस विवाद के बीच ही पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की अपनी एक तस्वीर शेयर की थी. मोइज्जू के समझने के लिए ये तस्वीर काफी थी. लक्षद्वीप बेहद खूबसूरत जगह है और यह टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर लोगों को काफी पंसद आती है.
मालदीव के पर्यटन को लगा झटका
मालदीव की अर्थव्यवस्था में वहां के पर्यटन का 28 फीसदी योगदान है, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीयों का समूह है जो मालदीव की खूबसूरती का आनंद लेने वहां जाता है. इससे मालदीव को काफी फायदा होता है. लेकिन मोइज्जू के भारत विरोधी रवैये के बाद भारतीयों ने मालदीव की जगह अन्य जगहों की बुकिंग शुरू कर दी, इससे मालदीव को करीब 150 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. इस भारी नुकसान के बाद मोइज्जू को समझ आ चुका था कि बिना वजह भारत का विरोध करने से उसका कुछ भला नहीं होने वाला है बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में उसे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कई प्रोजेक्ट्स पर मंडराने लगा था खतरा
मालदीव में भारत के अरबों रुपये के प्रोजेक्ट्स इस वक्त चल रहे हैं. हनीमाधू हवाई अड्डा प्रोजेक्ट, जीएमसीपी, मालदीव में नौका विस्तार के अलावा भारत ने साल 2024 में एक लिंक ब्रिज प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था. ऐसे में भारत का विरोध करना मालदीव के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता था. समय रहते मोइज्जू ने अपने रुख में बदलाव किया. 2024 में विदेश मंत्री जयशंकर मालदीव के दौरे पर गए थे. वहीं पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोइज्जू शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. तब से लेकर अब तक मालदीव और भारत के बीच रिश्ते पटरी पर आने लगे हैं.
INDIA WRITERS Voices of India, Words That Matter