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शराब घोटाला: अब बिल्ली के परिवार की बारी

सौ चूहे, जिन्हें जेल जाना था या जायेंगे, उनको खाने वाली बिल्ली के परिवार की जेल यात्रा की तैयारी हो रही है या हो गई है। आज केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने शराब घोटाले के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर छापा मारा है। उनके पुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार भी कर लिया।पांच दिन के रिमांड पर भी ले लिया है।
स्वाभाविक है की इस जांच में कोई भी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज नहीं मिलेंगे क्योंकि पिछले कई छापे में अलग जांच एजेंसी उठाकर ले जा चुकी है। नया लगा होगा और उसमें संदिग्ध लेन देन का ब्यौरा मिलेगा तो बात अलग है।

शराब घोटाले को लेकर कई जांच एजेंसी लगी हुई है। राज्य की आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग भी पुरजोर लगाए हुए है ।इस विभाग के हाथ पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित महा घोटालेबाज अनिल टुटेजा आबकारी विभाग के फरार सचिव निरंजन दास, महाप्रबंधक अरुण पति त्रिपाठी , कुख्यात अनवर ढेबर सहित आबकारी विभाग के 29अधिकारियों सहित 40 -50 लोग लग चुके है। शराब घोटाले के जेल में रह रहे आरोपियों सहित जांच एजेंसी को ये बात हजम नहीं हो रही है कि घोटाले की छोटी और मध्यम आकार की मछलियां जल बिन फड़फड़ाते रहे और शार्क मछली बाहर मौज करते रहे।

2100 करोड़(ईओडब्ल्यू के अनुसार 3200करोड़) रुपए के शराब घोटाले में लगभग दो सौ करोड़ के ही बंदरबांट का हिसाब मिला है 1900(ईओडब्ल्यू के अनुसार 3000) करोड़ कहां गए, खपाए गए ,ये जानना जरूरी है। जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी हुई है उससे ऐसा लगता है कि शराब घोटाले में लाभान्वित होने वालों में चैतन्य बघेल भी रहे है। ठीक वैसे ही जैसे ही जैसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे का नाम आया था। इस गिरफ्तारी से उन लोगों के मुंह पर लगाम लग गया है जो पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के हार के बाद स्वय समीक्षा में उठाते आ रहे है।

इन समीक्षा में भूपेश बघेल द्वारा गृह मंत्री अमित शाह के साथ अरबों के लेन देन कर बाप बेटे के खिलाफ कार्यवाही न किए जाने की समीक्षा थी। एक बात और जो आम लोगों में चर्चा में है कि अनवर ढेबर परिवार ने पैसे के लेन देन में भारी घोटाला किया है और अब भूपेश बघेल द्वारा हाथ खींच लेने पर महत्वपूर्ण संदेश और प्रमाण जांच एजेंसी को इन्हीं के द्वारा दिए जा रहे है। आज की जांच के पीछे भी सूत्र बता रहे है कि ऐसा ही हुआ है। ढेबर परिवार ये तय कर लिया है कि हम तो डूबेंगे सनम तुम्हे भी ले डूबेंगे। जांच एजेंसी की ये बात गलत है कि मौका खोज कर चौका मारती है। बेटे का जन्मदिन, मानसून सत्र का आखिरी दिन,ये गले से नीचे नहीं उतरती है।

ये तय है कि शराब घोटाले की जांच की आंच बहुत से लोगों तक आएगी। बेंगलुरु में निर्वासित जीवन जीने वाली और केवल पेशी में रायपुर आने वाली सौम्या चौरसिया अगला शिकार होगी।आखिर में कका…… आज अकेले मैं बैठकर जरूर सोचना छोटे छोटे मामलों में किसी के घर परिवार के सदस्य को पुलिस बल भेजकर उठवाते थे तब उन घरों में कैसा माहौल हुआ करता था ।और हां, ईडी ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन, सुंदर कांड ,हनुमान चालीसा का आयोजन होगा क्या, बताइएगा

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