नागरिक “आपूर्ति” निगम में संतोष,परम सुखी

छत्तीसगढ़ में “नान” कहते ही एक सनसनी फैल जाती है। इस विभाग का पूर्व अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल सालों से फरार है।इसमें हुए घोटाले के चलते दो आई ए एस अधिकारी जेल की हवा खा कर लौटे है। कइयों पर अभी भी केस चल रहा है। कुछ लोग न्यायालय से राहत पाकर वापस आ गए है। ये तो वो घोटाले है जो बाहर आ गए है। एक घोटाला ऐसा है जिस पर नजर ए इनायत होना जरूरी है।

नान के भीतर ही 2012 के साल में एक ऐसा खेल खेला गया जिसमें सहायक प्रबंधक पर नियम कानून को दर किनार कर एक ऐसे व्यक्ति को लिया गया जो शर्त की पूर्ति नहीं करता था। ये व्यक्ति है संतोष अग्रवाल, जो वर्तमान में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल का विभागीय सचिव है। नान में 2012-2013/489 दिनांक 30/07/2012 को सहायक प्रबंधक पद निकाले गए थे.

इसमें आयु सीमा विज्ञापन निकलने के दिन 35 वर्ष से नहीं होना चाहिए थी।संतोष अग्रवाल की जन्मतिथि 29.10.1976 विभाग की वरिष्ठता सूची में है। संतोष अग्रवाल 29.10.2011 को 35 साल के हो गए थे। जिस दिन याने 30/07/2012 को सहायक प्रबंधक का विज्ञापन निकला संतोष अग्रवाल 35साल 08महीना और 11दिन के हो गए थे। उनका आवेदन अस्वीकृत होना था किंतु अनदेखा किया गया।बताया जा रहा है कि संतोष अग्रवाल हमेशा नान के एम डी के पसंदीदा कर्मचारी रहे हैं इस कारण उपकृत कर दिया गया है.सत्ताधीशों की दलाली के कारण मामला दबा नियुक्ति के बाद कई शिकायतें हुई।

यहां तक विधानसभा में भी ध्यानाकर्षण के माध्यम से सवाल लगे, लेकिन सत्ताधीशों की दलाली के कारण मामला उजागर नहीं हुआ। अब पीड़ित पक्ष के लोगों ने न्याय की उम्मीद में लोकतंत्र के चौथे स्तंम्भ के सामने यह मामला लाया है। उनके सारे दास्तावेजों के जांच-पड़ताल के बाद हमने पाया कि यह मामला गंभीर है, और अनयमितता की श्रेणी में आता है अत: ऐसे अफसर को नौकरी से तत्काल बाहर किया जाना चाहिए।

जीएडी ले तत्काल एक्शन
यह मामला इसलिए भी खास है कि उक्त अफसर की नियुक्ति अब खाद्य मंत्री दयाल दास के यहां ओएसडी के पद पर हो गई है। मंत्री का पूरा काम वहीं संभाल रहा है। सारे लेन देन से लेकर हर तरह के कार्य संतोष अग्रवाल ही करता है। जो स्वयं फर्जी आधार पर नौकरी में नियुक्त हुआ है। वह विभाग में भी बड़े फर्जी वाड़ा को अंजाम दे सकता है। अत:सामान्य प्रशासन विभाग को हमारी रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले को जांच के लेकर ऐसे अफसर पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए।

नान अध्यक्ष को दास्तावेज सहित शिकायत
नान में फर्जी नियुक्ति के मामले में नान के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव को भी इसकी पूरी प्रति भेजकर मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है। यहां यह भी बता दे कि यह वहीं नान है जहां पर जिस दौर में नियुक्ति हुई उस समय अफसरों ने 3000 करोड़ को नान घोटाला किया था। यह नियुक्ति उन्हीं घोटाले बाज अफसरों की शह पर हुई है। अत: जीरों टालरेंस वाली साय सरकार इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करे। और फर्जी नियुक्त अफसर से अब तक दिए गए वेतन भत्ते की वसूली का कानूनी कार्रवाई करें।

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