लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती रात प्रशासनिक कसावट के लिए एक बड़ी सर्जरी किया। जिसमें की लगभग दो दर्जन आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर करने का फरमान जारी हो गया। इनमें से कुछ को सज़ा तो कुछ को इनाम भी दिया गया है। आखिर इतना बड़ा फैसला क्यों लिया गया, जानिए। गोरखपुर के पीएसी में हुए महिला कांस्टेबलों के बवाल के बाद यहां के डीएम कृष्णा करुणेश पर मुख्यमंत्री की नज़र टेढ़ी हो गई थी। जिसके वजह से उन्हें गोरखपुर से हटाकर नोयडा भेजा गया है।
ब्रजभूषण शरण सिंह ने जताई थी नाराजगी
गोंडा दबदबा था, दबदबा है और दबदबा रहेगा का नारा बुलंद करने वाले पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह की मुलाकात अभी हाल में सीएम के साथ हुई थी। जिसमे की उंन्होने गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर किया था। जिसके कारण नेहा शर्मा को गोंडा जिले से हटाकर प्रभारी निरीक्षक निबंधन के पद पर भेज दिया गया है।
मोनिका रानी पर अभ्रदता का आरोप
बहराइच ये जनपद गोंडा सीमा से सटे हुए है और यहां पर पदस्थ जिलाधिकारी मोनिका रानी का ट्रांसफर कर्मचारियों के साथ अभद्रता करना और कुछ शिक्षकों का वेतन काटने का निर्देश देना बना है। आरोप ये भी है कि 12 जुलाई को राजकीय अवकाश के दिन अपने दफ्तर में उंन्होने बैठक बुलाई और डीपीओ और डीडीओ के साथ अभद्रता किया था जिसकी शिकायत शासन में कई गई थी।
गाज़ियाबाद डीएम दीपक मीणा को सकुशल कावड़ यात्रा को सम्पन्न करवाने का इनाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से दिया गया है। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री ने उनको गोरखपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया है।
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