AI Content Regulation India 2025: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने AI-जेनरेटेड कंटेंट को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक अब हर AI-जेनरेटेड कंटेंट पर लेबल लगाना होगा. इसके साथ ही डीपफेक पर लगाम लगाने की तैयारी की जारी है. IT मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम 2021 में संशोधन के लिए ये प्रस्ताव जारी किया है. प्रस्ताव पर मंत्रालय ने 6 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं.
कंटेंट के 10 फीसदी हिस्से में डिस्क्लेमर जरूरी
प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स, इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्पेनचैट आदि को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई कंटेंट AI है या नहीं. AI कंटेंट पर लेबल या मार्कर लगाया जाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही कुल कंटेंट के 10 फीसदी हिस्से पर लेबल दिखाई देना चाहिए. ये विजुअल और ऑडियो दोनों तरीके के कंटेंट पर लागू होगा. ऑडियो कंटेंट है तो ये उसके 10 फीसदी हिस्से तक सुनाई देगा.
इसके साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ये भी तय करना होगा कि इंटरनेट पर यूजर्स द्वारा अपलोड कंटेंट ओरिजिनल है या सिंथेटिक. इसके लिए तकनीकी उपाय अपनाने होंगे और यूजर्स का डिक्लेरेशन लेना भी अनिवार्य होगा.
डीपफेक पर लगाम लगाने की तैयारी
IT मंत्रालय की ओर से जारी ड्राफ्ट में कहा गया है कि हाल ही के समय में डीपफेक ऑडियो और वीडियो तेजी के साथ वायरल हुए हैं. इससे समाज में गलत जानकारी फैली, राजनीतिक छवि बिगाड़ी गई, लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई और लोगों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया गया.
मंत्रालय ने साफ कहा कि ये कदम ‘ओपन, सेफ, ट्रस्टेड और अकाउंटेबल इंटरनेट’ बनाने के लिए है, जो जनरेटिव AI से आने वाली गलत जानकारी, इम्पर्सनेशन और इलेक्शन मैनिपुलेशन जैसी जोखिमों को हैंडल करेगा. इससे इंटरनेट और ज्यादा भरोसे वाला बनेगा.
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