संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा. 23 दिन तक चलने वाले मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से ही वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरती रही है. इस सत्र में अब बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का मामला जोर पकड़ सकता है. वहीं सरकार की तरफ से इस सत्र में अधिक से अधिक बिल पारित कराने पर जोर दिया जाएगा.
8 नए बिल लाने की तैयारी में सरकार
संसद के मानसून सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें होंगी. इस सत्र के दौरान सरकार 7 बिल लाने की तैयारी में है, जिन्हें पारित कराने का प्रयास होगा. नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी डोपिंग संशोधन बिल, माइन्स एंड मिनरल्स संशोधन बिल, जिओहैरिटेज साइट्स एंड जिओरेलिक्स प्रिजर्वेशन एंड मेटेंनेंस बिल,आईआईएम संशोधन बिल, मणिपुर जीएसटी संशोधन बिल, टैक्सेशन संशोधन बिल और जनविश्वास संशोधन बिल भी सरकार पेश कर सकती है. सरकार इसके अलावा 8 लंबित विधेयकों को भी पारित कराने की कोशिश करेगी, इनमें इनकम टैक्स बिल 2025 भी शामिल है.
इन मुद्दो पर सरकार को घेरने की कोशिश में विपक्ष
दूसरी तरफ, बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन के मुद्दे के अलावा पहलगाम आतंकी हमले, उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर और फिर पाक के साथ सीजफायर का मुद्दा भी विपक्ष उठा सकता है. कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम के ऐलान के बाद इस पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की थी. लहीं जयराम रमेश ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के चीन दौरे का हवाला देते हुए कहा कि पड़ोसी देशों से जुड़ी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की जरूरत है. संसद सत्र के दौरान अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा भी विपक्ष उठा सकता है.
कांग्रेस बनाएगी रणनीति
विपक्ष मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा हुआ है. कांग्रेस की अगुवाई में इंडी ब्लॉक भी एक्टिव है. संसद के मानसून सत्र के मद्देनजर आज कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है. कांग्रेस की यह बैठक आज 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर होगी, जहां पार्टी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी.
खड़गे ने राज्यसभा के सभापति से की मुलाकात
इस बीच, संसद के मानसून सत्र के पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, जिसमें लिखा, “विपक्ष 21 जुलाई से शुरू होने वाले राज्यसभा सत्र को एक सार्थक सत्र के रूप में देखना चाहता है. इसके लिए कई रणनीतिक, राजनीतिक, विदेश नीति और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर बहस और चर्चा जरूरी है, जो जनता के लिए बेहद चिंता का विषय है.”
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