पंडित जी का नहीं हुआ बोहनी-बट्टा

सरकारी मुलाजिम का बड़ा दायित्व यह होता है कि जहां भी बैठे वहां के कामों को सही ढंग से करें। अब तक वे ऐसे जगहों पर काम कर चुके हैं, जहां गरीबों का राशन दिलवाने लूटेरों से लड़ते रहे। राशन व्यवस्था और वहां पर चल रही बड़ी जांच को अधूरा छोड़ अब वे पानी पिलाने आ गए हैं। अब उनका पाला आकर निठल्ले ठेकेदारों से पड़ गया है, जो काम कर मेहनताना के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उनकाे राहत दिलाने के बजाय मीठा बोलकर वे आश्वासन का खेला कर रहे हैं। वैसे वे कमंडल को साथ लेकर चलत रहे है, उनके गुण उनमें भी है। अपने काम की तारीफ के अलावा कई तरह के जादू जानते हैं। पंडित जी का बोहनी बट़्टा नहीं हुआ है, लेकिन उन्हें लगता है कि त्यौहार के पहले कुछ बड़ा हो सकता है।

वे पहले रायपुर में कई विभागों में काम कर चुके हैं। आबकारी से लेकर पंचायत और खाद्य में अपने कारनामे दिखा चुके हैं। जिले में भी वे अपने काम के अंदाज के आधार पर सुर्खियों में रहे। अंतिम समय में डीएमएफ की राशि स्वीकृत कर बुरा फंसे थे। उनके बाद आने वाले अधिकारी ने तो मीडिया के माध्यम से सुर्खियां बठोरी पर पंडित वहां से पाक साफ निकले।

विभाग के मंत्री से संबंधों में आधार पर वे अब जल और जीवन के बीच लोगों को पानी पिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। यहां पर काले कबूतर वाले जादूगर पहले बहुत रहे। अब वे उन कामों का समझने के बाद ठेकेदारों पर ही चढ़ पड़े हैं। बड़े लोगों को भुगतान कराकर चर्चा में आए पंडित को अब केंद्र के फंड का भरोसा है। मंत्री भी इन कामों में अब रूचि लेने के बजाय चुप्पी साधकर बैठ गए हैं। उन्हें मालूम है कि उनके कमंडल में गंगा जल से लेकर शिवनाथ का प्रवहा है।

Check Also

CG SIR: छत्तीसगढ़ में अब तक 54% से ज्यादा वोटर्स को गणना प्रपत्र वितरित, इस तरह खुद ऑनलाइन भर सकते हैं अपना फॉर्म

CG SIR Update: छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में SIR यानी मतदाता सूची के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *