रायपुर। न्यायालय रजिस्टरार फ़र्म एवं संस्थान रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। मसीही समाज की छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड आफ एजुकेशन की कार्यकारिणी समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड आफ एजुकेशन के वर्तमान कार्यकारिणी के द्वारा असंवैधानिक कार्य किया जा रहा था। जिनके द्वारा चुनाव की असंवैधानिक प्रक्रिया की गई थी और अनेक प्रकार के आर्थिक अपराधों की शिकायत की गई थी।
कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा संस्थाओं के और स्कूलों के विभिन्न कर्मचारी को अवैध रूप से शिक्षा संहिता के नियम के विपरीत निलंबित, स्थानांन्तरण, जांच और नियुक्ति की गई थी। रजिस्ट्रार फर्म एवं संस्थान के न्यायालय के द्वारा आदेश जारी किया गया और तत्काल प्रभाव से कमेटी को भंग कर दिया गया है। संस्था पदाधिकारियों के विरुद्ध विभिन्न शालाओं के अवैध संचालन के लिए सिविल लाइंस रायपुर में व थानों में एफआईआर दर्ज है।
पूर्व कमेटी को शालाओं के संचालन का दिया गया अधिकार
अपने आदेश में फर्म सोसायटी के रजिस्ट्रार पद्मिनी भोई के आदेश के अनुसार बिशप सुषमा कुमार, नितिन लॉरेंस व जयदीप रॉबिन्सन की टीम को हटा दिया गया है। साथ ही 2022 की कमेटी के कार्यकाल को निर्विवाद माना है। जिसमें उपाध्यक्ष रेव्ह. अतुल आर्थर, सचिव शशि वाघे, कोषाध्यक्ष- व्हीके सिंह, सदस्य- राजेश हेनरी, डार्थी अली, निशिता हंसा दास पदाधिकारी है। उक्त कमेटी को ही छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन के संचालन का अधिकार होगा।
शशि वाघे की टीम ने संभाला कार्यभार
छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड आफ एजुकेशन की नई समिति जिसकी सचिव शशि वाघे एवं उपाध्यक्ष अतुल आर्थर ने अपना कार्यभार संभाल लिया है और संस्थानों में अपना संचालन प्रारंभ कर दिया है।
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