नई दिल्ली: दिल्ली के कालकाजी मंदिर में बुधवार देर रात बिजली का तार टूटकर गिरने से हादसा हुआ, जिसमें गाजियाबाद से आए नौवीं कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. घायलों को पुलिस ने नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. गाजियाबाद के कालकाजी मंदिर में बुधवार देर रात हुए हादसे में नौवीं कक्षा के छात्र मयंक की करंट से मौत के बाद से परिवार सदमे में है. बेटे के साथ दर्शन करने आए रामकुमार शर्मा को पता नहीं था कि उसका शव मंदिर से ले जाना होगा.
पुलिस ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करने के लिए लगाई गई लोहे की रेलिंग से बिजली का तार टूटकर छू गया, जिससे करंट फैल गया और छात्र चपेट में आ गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सैकड़ों लोगों ने जब मयंक करंट की चपेट में आया, तो चीख-पुकार मच गई. इस हादसे से संबंधित कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें घायलों को उठाकर ले जाते हैं.
मयंक अपने परिवार के साथ बुधवार देर रात कालकाजी मंदिर में दर्शन के लिए आया था, पुलिस अधिकारी ने बताया. मंदिर प्रशासन ने हैलोजन लाइटों को सभी रास्तों पर लगाया था, ताकि भारी भीड़ को देख सकें. जब बुधवार रात श्रद्धालु लोटस टेम्पल और राम प्याऊ के बीच लगी लाइन में खड़े थे, तो एक हैलोजन लाइट का तार टूट गया और लाइन के ऊपर गिर गया. लोहे की ग्रील पर गिरने से सात श्रद्धालु चलते लाइन में गिर गए, जिससे मौके पर भगदड़ मच गई और लोग मंदिर परिसर से भागने लगे. मंदिर के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई.
बिजली की जांच की जा रही सप्लाई बंद होने पर मंदिर के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर बिजली की तार को हटाया और लोगों को शांत किया. पुलिस टीम और बीएसईएस के कर्मचारी भी पहुंचे. हादसे की जांच के लिए बीएसईएस, एफएसएल और क्राइम टीम को भी मौके पर बुलाया गया था; चार घायलों में से एक मयंक की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच के बाद पुलिस ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. कालकाजी मंदिर के पुजारी और जय माता दी वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष सुधा भारद्वाज ने कहा कि हादसा मंदिर परिसर से बाहर हुआ है, लोटस टेंपल से प्रवेश करने वाली जगह पर हुआ है.